Author: Sanjay Dubey

100साल का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ देश में राष्ट्रीय दल के रूप में तीन ही ऐसी पार्टी रही है जिनके प्रधानमंत्रियों ने देश में राज किया। कांग्रेस के प्रधान मंत्रियों की फेरहिस्त लंबी है। भारतीय जनता पार्टी के दो और जनता पार्टी के एक प्रधान मंत्री के हिस्से में ये उपलब्धि है। हर राजनैतिक दल की एक स्थाई विचारधारा होती है जिसके आधार पर वे जनता से सत्ता के लिए वोट मांगते है।कांग्रेस के थिंक टैंक में गांधीवादी विचारधारा का प्रभाव देखने को मिलता है।कहा जा सकता है कि कांग्रेस के पीछे गांधी खड़े है। जनसंघ जो अब स्पष्ट रूप…

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एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है, जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यह विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, जो हमारे पांरपरिक ज्ञान, प्राचीन सभ्‍यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है। हिंदी भारत संघ की राजभाषा होने के साथ ही ग्यारह राज्यों और तीन संघ…

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विराट व्यक्तित्व – भगतसिंहभगत सिंह, नाम सुनते ही एक विराट व्यक्तित्व आंखों के सामने खड़ा हो जाता है।ये व्यक्तित्व निर्भीकता का परिचायक है। बेखौफ जीवन जीने और दुश्मनों की नींद हराम कर देने वाले युवा थे भगत सिंह। जिस दौर में भगत सिंह ने अपनी जान देश के लिए कुर्बान कर दिया उस उम्र में अधिकांश युवा अपने निहित स्वार्थ के लिए पैसे कमाने के लिए रोजगार ढूंढते है। उस जमाने में भगत सिंह के उम्र के सामान्य लोग परिवार बसाने के लिए भी तत्पर रहते थे। स्वयं भगत सिंह की भी शादी होने वाली थी लेकिन उन्होंने। मातृभूमि की…

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क्या हम कठिनतम जिंदगी को जीने पर मजबूर होते जा रहे है? भूत वर्तमान और भविष्य, तीन शब्दों में जिंदगी चलती है। लाखों करोड़ो लोगों का कहना है कि व्यक्ति को वर्तमान में जीना चाहिए। ये भी कहा जाता है कि अतीत से सीखना चाहिए और अनुभव का फायदा उठाकर जिंदगी को खुशहाल बनाना चाहिए। आप अपने स्वयं से पूछिए कि आप अतीत से क्या सीखते है? कहने के लिए कुछ भी हो लेकिन सच ये है कि हम अतीत से सुख का टोकना लेने के बजाय दुख का पिटारा लेकर वर्तमान में जीते है। सबसे कठिन स्थिति तब होती…

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मोहनलाल, 2025 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेतादेश के एक सौ पैतालीस करोड़ दर्शकों के लिए विभिन्न भाषा में दीर्घ काल मनोरंजन करने वालो को फिल्म पुरुष पुरोधा दादा साहेब फाल्के के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार1969से देने की परंपरा भारत सरकार ने शुरू किया।इस साल मलयालम फिल्म के मशहूर अभिनेता मोहनलाल को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया है।दक्षिण की फिल्मों में अभिनय करने वाले नायकों की एक बात मुझे हमेशा अच्छी लगती है कि वे अपना असली नाम के बदले चलताऊ नाम नहीं रखते। अब मोहन लाल को ही ले लीजिए ये नाम पहले स्ट्रोक में महात्मा गांधी…

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75साल और 15उप राष्ट्रपतिभारतीय जनता पार्टी समर्थित चौथे उपराष्ट्रपति के रूप में महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल तमिलनाडु के सी पी राधाकृष्णन निर्वाचित हो गए। तमिलनाडु से राधाकृष्णन तीसरे व्यक्ति गई जो उप राष्ट्रपति बने है।उन्होंने इंडी गठबंधन के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों से पराजित किया।भारत के संविधान निर्माण से लेकर बीते 75साल में देश में 15उपराष्ट्रपति ने कार्य किया। उपराष्ट्रपतियो की सूची को देखे तो पचास फीसदी उपराष्ट्रपति किसी न किसी राज्य के राज्यपाल रहे है। माना जा सकता है कि उप राज्यपाल का संवैधानिक अनुभव कारगर होता है। चार केंद्रीय मंत्री,एक सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश…

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20व्यक्ति को मरणोपरांत भारत रत्न मिला है,एक और ध्यानचंद के लिए सही हमारे देश में बमुश्किल 12देशों के बीच खेले जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय खेल क्रिकेट के भगवान सचिन तेंडुलकर को भारत रत्न सम्मान मिला है। 53भारत रत्नों में सचिन अकेले रत्न है। उनकी उपलब्धि है 200टेस्ट खेलना(182के बाद 18टेस्ट उनको इसलिए खिलाया गया ताकि 200पूरा कर ले, ऑस्ट्रेलिया में होते तो बहुत पहले बाहर कर दिए होते)।खैर, सचिन की उपलब्धि महत्वपूर्ण है इस कारण उन्हें सारे कायदे तोड़कर भारत रत्न बना दिया गया। अच्छा हुआ भविष्य में किसी खिलाड़ी के जिंदा रहते या मरने के बाद भारत रत्न मिलने का…

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आज ध्यान चंद पर फिर ध्यान देने का दिन हैइस देश मे 1928 से हॉकी और 1932 से क्रिकेट खेला जा रहा है। आज़ादी के पहले ही भारत ओलम्पिक खेलो में हॉकी में 3 स्वर्ण पदक जीत चुका था। ये सारे पदक ध्यानचंद के अथक प्रयास का परिणाम था। सारी दुनियां ने हमे खेल के नाम पर इस खिलाड़ी के कारण जाना। ध्यानचंद के कारण ही हॉकी को राष्ट्रीय खेल का दर्ज़ा मिला। महज़ 4 साल बाद देश मे आये क्रिकेट में हमारी उपलब्धि 1971 में देखने को मिली। ये सुनील गावस्कर युग की शुरुवात थी। यहां से हम क्रिकेट…

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सवाल 65लाख बिहारी वोटर्स का है?देश के सबसे जटिल जाति व्यवस्था के लिए विख्यात बिहार राज्य में विधान सभा चुनाव आसन्न है।बिहार राज्य के चुनाव में मुख्य रूप से एनडीए और इंडी गठबंधन के दो मुख्य भागीदार कांग्रेस और आरजेडी के बीच सत्ता के लिए रस्साकसी है। कौन बाजी मारेगा ये तो ईवीएम बताएगा लेकिन ईवीएम के कर्ताधर्ता चुनाव आयोग को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी घेरे में लाने के लिए बिहार में यात्रा कर रहे है। इसके कई कारण है। यात्रा का प्रमुख कारण है कि एन चुनाव से पहले 65लाख वोटर सूची से बाहर कर दिए गए है जो…

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रोनाल्डो का इश्क, रोनाल्डो के बच्चे, और रोनाल्डो की सगाई खेल जगत में सबसे बड़े मैदान (साइज 105× 67) में क्रिकेट और टेनिस के बाद सबसे अधिक समय तक खेले जाना वाला खेल फुटबॉल है। लोकप्रियता के नाम पर सर्वाधिक प्रसिद्ध, और चर्चित। इस खेल के नामवर खिलाड़ियों की प्रसिद्धि के चर्चे दुनियां भर में चलते है। आज के दौर में दो खिलाड़ी ऐसे है जिनका खेल और फिटनेस प्रेरणा देने वाला है । ये दो खिलाड़ी है क्रिस्टियानो रोनाल्डो और मैसी। रोनाल्डो को दुनियां भर में उनके खेल,फिटनेस के अलावा उनके व्यक्तिगत जिंदगी के लिए भी जाना जाता है।…

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