Author: Sanjay Dubey

अरविंद का झाड़ू और भाजपा का कमलहिंदी साहित्य में “पर्यायवाची”एक विषय है। जिसमें एक शब्द के अनेक नाम होते हुए उनके अर्थ समान होते है। कमल फूल है।इसका पर्यायवाची है, अरविंद, पंकज, सरोज,जलज,नीरज, अंबुज, नलिन, उत्पल,पुंडरीक और तामरस। चूंकि बात राजनीति से जुड़ी है इसलिए कमल और अरविंद की बात हो।कमल,कीचड़ में खिलता है ये शाश्वत सत्य है।अरविंद केजरीवाल भी 2013 में एक ऐसे आंदोलन के देन थे जिसके चलते देश के राजनीति में भ्रष्ट राज नेताओं की घिग्घी बंध गई थी। अन्ना हजारे का ये आंदोलन शुचिता की राजनीति का आगाज था। लोकपाल कानून बनाने के लिए आंदोलन को…

Read More

सालों तक एक पुट्ठे के डब्बे में 📦 कुछ पत्रों को सम्हाल कर रखा था 💌 थे तो वे प्रेम पत्र ही थे 💐 लेकिन अधूरे अक्षर क्रम थेसहेजने का कारण भी ❤️ खुद का स्वार्थी होना 🌸 अपने अतीत को खंगालने का🌸 पुट्ठे के डब्बे को खोलकर देखूंगा ❤️ अधूरे प्रेम के अक्षरों की यात्रा करूंगा 🌸 जिन हाथों ने लिखा था इन पत्रों कोउन हाथों को 💖 अपने हाथ में महसूस करूंगा 💖 उस चेहरे को तलाशूंगा जो खो गया है 🌸 और हां, ये मेरा निजी वसीयतनामा है ❤️ पहले भी नहीं बताया था, 🌸 अब भी…

Read More

विश्व के 15 दस हजारी बल्लेबाजपांच अंकों की सबसे छोटी संख्या दस हजार है लेकिन क्रिकेट जगत में इस संख्या काबड़ा मान है। टेस्ट खेलने वाले देशों की संख्या एक समय केवल दो थी। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड। धीरे धीरे संख्या बढ़ते गई। जिम्बाब्वे के आने से पहले केवल आठ देश आपस में टेस्ट खेला करते थे। वेस्ट इंडीज, न्यूजीलैंड, भारत, पाकिस्तान और श्री लंका। दीगर छः देश थे।कालांतर में बांग्ला देश जुड़ा। नए सदस्य के रूप में टेस्ट खेलने वाले देश अफ़ग़ानिस्तान,आयरलैंड भी है। कुल जमा ग्यारह देश ही बीते 147साल से टेस्ट 2579 क्रिकेट खेल रहे है। इतने सालों…

Read More

3 फरवरी 1954… सुबह के करीब 10.20 बजे, नेहरू जी और राजेंद्र बाबू की कार त्रिवेणी रोड से आई और बैरियर को पार करके किला घाट की ओर बढ़ी। नेहरू को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी, तो मेले में आ रहा हुजूम और मेले से निकल रहा हुजूम आमने-सामने आ गया। भगदड़ मच गई। लोग खाई से नीचे गिरने लगे, तो पास का ही बड़ा कुआँ लाशों से भर गया। खुद नेहरू के शामिल होने के फैसले ने प्रयाग में लाशों के ढेर लगा दिए। भगदड़ में करीब 1000 लोगों की जान गई।कुंभ 1954 का आयोजन खुद प्रधानमंत्री जवाहरलाल…

Read More

आस्था का महा कुंभ, महा कुंभ चले हम 144साल के बाद ऐसा संयोग हुआ कि कुंभ का महा स्वरूप का आयोजन महा कुंभ के रूप में 14जनवरी 2025 से आरम्भ हो गया। इस बार के महाकुंभ की विशेषता ये है कि आस्था के इस महाकुंभ में हर भारतीय डुबकी लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है,सफल हो रहा है। एक अंदाजा है कि लगभग चालीस करोड़ भारतीय आस्था का प्रतीक बनेंगे। जब जनमानस के मनो मस्तिष्क में महाकुंभ में डुबकी लगाने की मनोदशा बन रही हो फलीभूत हो रही हो तो हम भी इससे विलग नहीं रह सके।…

Read More

लीजेंड कपिलदेव1971 औऱ 1983 में यद्यपि केवल 12 साल का फर्क है लेकिन ये फर्क देश के दो सोंच का ठीक वैसा ही वर्ष रहा जैसे 1959 औऱ 1991 में था। 1959 में देश के बैंकों के राष्ट्रीयकरण होने के साथ ही बचत को सुरक्षात्मक होने का आधार बना तो 1991 में बचत को राष्ट्रीय खतरा माना गया। विदेशी कंपनियों के देश मे आगमन की छूट ने हमे जोखिम लेने का आधार दिया। अब 1971 और 1983 की घटना को ले,ये साल भारतीय क्रिकेट के दो आधार स्तंभ के प्रादुर्भाव का साल रहा जिसमे सुरक्षा और जोखिम लेने की शुरुआत…

Read More

भावनाओं के समुद्र थे राजेश खन्ना भारतीय फिल्म उद्योग में सत्तर का दशक एक अजीब दौर से गुजर रहा था। दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद, सुनील दत्त जैसे बड़े कलाकारों की उम्र ऐसी हो चली थी कि उनके नायकत्व का दौर खत्म होने के कगार पर था। शून्य की स्थिति बन सी गई थी।ऐसे में निर्माताओं ने नायक खोजने के लिए एक स्पर्धा आयोजित की।दस हजार से अधिक नामांकन आए। एक लड़का इनमें प्रथम आया जतिन खन्ना। कॉलेज के साथी रवि कपूर के कहने पर जतिन खन्ना ने अपनी प्रविष्टि डाली थी। स्पर्धा में प्रथम आने वाले को बतौर…

Read More

वित्त मंत्री मनमोहन सिंह से पहले और बाद का भारत आमतौर पर देश के वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री सहित पार्टी लाइन पर चलने वाले लकीर के फकीर होते हैं। बजट में वित्त मंत्री की जगह पार्टी की नीतियां झलकती है लेकिन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव , पार्टी लाइन के प्रधानमंत्री नहीं थे। देश की खस्ता हाल वित्तीय स्थिति और देश के होनहार लोगों के लिए रोजगार के अवसर की प्रासंगिकता को नरसिम्हा राव ने समझा था।इसे अमल करने का जिम्मा तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को दिया। ऐसे जोखिम के प्रयास सराहे नहीं जाते है। नरसिम्हा राव, कांग्रेस में अछूत मान लिए…

Read More

मनु भाकर को खेल रत्न देने की घोषणा राष्ट्रपति करेबड़े शर्म के साथ लिखना पड़ रहा है कि भारतीय खेल इतिहास में एक ओलंपिक खेल में दो पदक जीतने वाली मनु भाकर को खेल रत्न सम्मान से फिलहाल वंचित कर दिया है।ये भी संभव है कि उनकी भावनाओं की कद्र होगी और खेल मंत्रालय अपनी गलती सुधार कर खेल रत्न सम्मान दे भी देगा लेकिन जो प्रश्न सारगत है कि विलक्षण कार्य जिसके लिए देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित खेल मंत्री समय निकाल कर देश को गौरवान्वित करने पर मोबाइल लगा कर बधाई दे रहे थे क्या उन्हें अभी ऐसा…

Read More

महतारी वंदन और सनी लियोन एक खबर ने सोशल मीडिया के साथ साथ देश भर के समाचार पत्रों में खलबली मचा दी।ये खबर छत्तीसगढ़ राज्य में महिलाओं के सम्मान में दिए जाने वाली महतारी वंदन योजना अंतर्गत किसी समय में पोर्न स्टार रही सनी लियोन के नाम पर भुगतान की है। सनी लियोन का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पुरुष नेता हो या अधिकारी, व्यापारी हो कारोबारी जिनके पास मोबाइल है और उसमें नेट सुविधा है उसने पुरुष होने के नाते सनी लियोन को छुप छुप कर देखा है। इसका कारण भी है कि सनी लियोन, भारतीय मूल…

Read More