आज पितृ दिवस है
अनेक पिता को अपने पिता होने पर गर्व हो सकता है कि उन्होंने अपना सारा जीवन बच्चो के जीवन बनाने में लगा दिया।आज उनके बच्चे मेट्रो में काम कर रहे है। ये भी गर्व का विषय होगा। ऐसे गर्वीले पिता को बधाई,
सच ये भी है कि आज का युग संवेदना का युग नही रह गया है।व्यवहारिक समय है, अर्थ का अनुसंधान सर्वप्राथम्य है। इसके बाद युवा जीवन है,जिसकी अपनी प्राथमिकता है। एक माइक्रो परिवार है।जिसमे मैं, मेरी पत्नी और मेरा बच्चा है।यहां पर आपका पुत्र भी पिता है और उसकी भी वही बाध्यता है जो आपकी पिता होने नाते थी। पुत्री की बाध्यता अलग प्रकार की है उसके लिए पिता से पहले पति की बाध्यता है।इस कारण उनसे उम्मीद न्यूनतम रखिए।दुख नही होगा।
बाहरी दुनियां में भले ही दंभ रखे कि आपका पुत्र बहु राष्ट्रीय कंपनी में लाखो के पैकेज में मेट्रो में कार्यरत है लेकिन उनके घर में आप मेहमान ही रहेंगे। पितृ दिवस पर चिंतनीय शुभ कामनाएं
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