हम भारतीय है, कही भी हो हम भारतीय है क्योंकि भारत हममें बसता है, हमारे दिल में धडकता है।हमारे धमनियों में बहता है। भारतीय होने का एक अहसास भी है अभिव्यक्त होने का,
हममें से अधिकांश लोगो की एक कमी है और खूबी भी है कि हम केवल बोले हुए शब्दो में अभिव्यक्त होते है। अपने परिवार में, अपने संबंधियों में, अपने दोस्तो में, अपने परिचितों में बोले हुए शब्द ही कहे सुने जाते है।
सदियों से बोल कर बताने समझाने का चलते रहा है। जनश्रुत से बढ़ते बढ़ते हम लिखने पढ़ने की परंपरा के सहभागी बने और कालांतर में एक साथ सुनने और देखने के भी आदी होते जा रहे है।
इन सबमें सबसे बड़ा माध्यम लिखने का है क्योंकि अगर लिखे नहीं तो पढ़ने की सामग्री कहां रह जायेगी
आज किताबो की जगह लैपटॉप, मोबाइल ले चुके है लेकिन इनमे भी लिखित सामग्री की महत्ता को कोई कम नहीं कर सका है।
अभिव्यक्त होने की क्रिया अभिव्यक्ति मानी जाती है। ये भी माना जाता है कि हर व्यक्ति अपनी भावना को लिख कर अभिव्यक्त नहीं कर सकता है ।इसी कारण लेखकों की महत्ता कभी कम नहीं हो सकती है। भारत के संविधान में मूलभूत अधिकार का उल्लेख है इसमें एक अधिकार विचारो की अभिव्यक्ति की भी स्वतंत्रता है। हममें से कितने अपने विचारो की अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र है?
भारतीय प्रेस – विचारो की स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म है जो देश विदेश में रहने वालो के विचार लेखन के लिए अपनी जगह है। यहां न उम्र की सीमा है न जाति का बंधन है न ही लिंग भेद है, न धर्म का रोड़ा है।सबके हाथ में अगर कलम है तो उन्हें अभिव्यक्त होने का भी अधिकार है।
भारतीय प्रेस में घटने वाली चौबीस घंटो के घटनाक्रम का ब्यौरा होगा। व्यक्ति,परिवार, समाज, गांव चौपाल से लेकर नगर महानगर, देश विदेश का उल्लेख होगा, चिंतन होगा।कला, संस्कृति, दर्शन, धर्म, रहन सहन , वेशभूषा, खान पान,राजनीति, फिल्म, खेल सभी क्षेत्र को भारतीय प्रेस स्थान देने के संकल्प के साथ सबके साथ भारतीय प्रेस आमंत्रित करता है आपको लिखने के लिए,स्वागत है