मंगल और मांगलिक दोष
इंदौर के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस अनेक एंगल से इस दुखद घटना की जांच कर रही है। जांच में नए नए खुलासे हो रहे है। अपराध का अनुसंधान पुलिस के लिए अनिवार्य है जिसके बल पर वे पीड़ित को न्याय और अपराधियों को सजा दिलाने का काम करते है।
राजा रघुवंशी हत्याकांड के समाचारों में ज्योतिष और ज्योतिषी सहित अनेक भविष्यवाणियों की भी चर्चा हो रही है। राजा रघुवंशी के शव मिलने और सोनम रघुवंशी के लापता होने पर सोनम की उल्टी तस्वीर उसके घर के सामने लगाई गई थी। सोनम के सुरक्षित होने की भी जानकारी दी गई थी।एक ज्योतिष ने घटना के बारे में भी जानकारी दी थी कि राजा रघुवंशी हत्याकांड में शामिल होने पुरुष, स्त्रियों की संख्या कितनी है। एक अपुष्ट ज्योतिषीय घोषणा ये भी हो रही है कि सोनम समलैंगिक है और एक अन्य युवती से ऐसे संबंध की संभावना है।
एक विशिष्ट जानकारी ये भी की सोनम रघुवंशी की कुंडली में तीव्र मंगल दोष था। उसकी कुंडली में मंगल ग्रह, अनिष्ट ग्रह लग्न में था। ये भी बताया गया था कि ऐसे मांगलिक दोष वालो का12कुंडली भाव में से एक, वैवाहिक भाव कठिन होता है। हिंदू धर्म में विवाह से पहले कुंडली मिलाने की परंपरा रही है। इस मिलान का प्रमुख कारण किसी एक का मांगलिक होने की जानकारी प्राप्त करना भी है। संभावित मांगलिक वर और वधू के लिए सामने वाला भी मांगलिक खोजा जाता है।जैसे लोहा ,लोहे को काटता है वैसे ही मंगल की काट मंगल ही है।
मंगल भी तीन प्रकार का होता है।पहला मंगल सामान्य होता है जिसमें मंगल, कुंडली के 1,4,7, 8और 12वें ग्रह में रहता है। दूसरा मंगल द्विय बल मंगल होता है जिसमें मंगल के साथ राहु1,4,7और 12वे ग्रह में होते है।तीसरा मंगल त्रि बल मंगल होता है जिसमें मंगल के साथ राहु और केतु भी 1,4,7, 8और 12वे ग्रह में होते है। ज्योतिष अनुसंधान में आजकल शारीरिक और मानसिक मंगल भी प्रचलन में है।
हर परिवार चाहता है कि वर वधु का जीवन सुखमय रहे। इसके लिए कुंडली मिलान संतुष्टि के लिए हिन्दू परिवारों में तो किया ही जाता है।अन्य सम्प्रदाय में ये परंपरा नहीं है।
इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि कुंडली मिलान से सब कुछ बेहतर हो जाता है।
संभावित मांगलिक युवती के साधारण गैर मांगलिक वर से विवाह करने से पहले युवती का विवाह विष्णु, पीपल के पेड़ और कुंभ(घड़ा) से किए जाने का मांगलिक पूजा विधान है। जिसके चलते मांगलिक दोष कट जाता है,ऐसा माना जाता है।
सोनम रघुवंशी का परिवार और इनके चलते खुद सोनम भी अपने मांगलिक होने की बात को कही न कही दिमाग में लिए बैठी थी। अपने तथाकथित प्रेम करने वाले युवक राज कुशवाह से विवाह करने के लिए सोनम ने विष्णु,पीपल घड़े के साथ विवाह की जगह राजा रघुवंशी को चुना और विकल्प भी अत्यंत वीभत्स और क्रूरता पूर्ण था। कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी, तंत्र विद्या का केंद्र है। सोनम की मानसिकता ये तो थी कि उसने अपने भावी जीवन साथी खुद की जीवन को निष्कंटक बनाने के लिए एक तरीके से बलि के रूप में राजा रघुवंशी को कामाख्या मंदिर ले गई थी। सोनम और उसके साथ के षड्यंत्रकर्ता गुवाहाटी में ही साजिश को अंजाम देने वाले थे। राजा रघुवंशी की हत्या के लिए उपयोग किए गए हथियार और वार के लिए चयनित सिर का हिस्सा मांत्रिक षडयंत्र का हिस्सा ही था।
भाग्य पर भरोसा व्यक्ति को क्या करवा देता है, क्या बना देता है ये सोनम रघुवंशी की योजना से दिख रहा है।
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