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    Home»Featured»हर मन कह रहा है हरमन
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    हर मन कह रहा है हरमन

    mitaanindiamediaBy mitaanindiamediaNovember 3, 2025No Comments3 Mins Read6 Views
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    हर मन कह रहा है हरमन हरमन एक जहाज अपनी मंजिल तक पहुंचता है तो इसका श्रेय कप्तान को दिया जाता है। जब जहाज डूबता है तो ये माना जाता है कि कप्तान को ही जहाज को डूबने से बचाने की आखिरी कोशिश करना पड़ेगा। दो बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जहाज डूब चुकी थी।इस बार कप्तान के रूप में हर मन प्रीत कौर के सामने मंजिल थी। सफर में तीन जीत के बाद तीन हार ने कमर तोड़ ही दिया था। ट्रैक पर फिर वापस आए और फिर जीत का ऐसा चस्का लगा कि पहले लगभग विजेता के रूप में घोषित ऑस्ट्रेलिया की दमदार टीम को सेमीफाइनल में 5 विकेट से हराया।इसके बाद फाइनल में दक्षिण अफ्रीका की टीम सामने आई तो उसे भी 52 रन से ध्वस्त किया। “चक दे इंडिया” फिल्म को बार बार याद इसलिए किया जाता है क्योंकि एक ऐसे खिलाड़ी को ऐसी टीम का कोच बनाया जाता है जिसमें प्रतिभा तो है लेकिन महत्वपूर्ण मौके नहीं मिल पाते है। अमोल मजूमदार, भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच बनाया गया था उस समय दबाव में बिखरने का अवगुण टीम के साथ जुड़ा हुआ था। इस टीम को जीतने का जुनून अमोल मजूमदार ने ही दिया है। अमोल मजूमदार एक दौर में सचिन तेंदुलकर के समकक्ष माने जाने लगे थे लेकिन वे राष्ट्रीय टीम का हिस्सा न बन सके। अपनी मौजूदगी को बताने दिखाने का अवसर मिला तो सचमुच अमोल,”अमोल” हो गए। मुंबई में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत किसी खिलाड़ी के व्यक्तिगत प्रदर्शन के बदौलत नहीं रही, हर खिलाड़ी ने बैटिंग में बॉलिंग में, फिल्डिंग में अपना हंड्रेड पर्सेंट दिया।

    विशिष्टता की बात इसलिए होनी चाहिए क्योंकि क्रिकेट टीम में व्यक्तिगत प्रदर्शन का भी खेल है। मेरा मत ये था कि फाइनल का प्लेयर ऑफ द मैच दीप्ति शर्मा को मिलना चाहिए था। कठिन समय में रन बनाना और विकेट वो भी पांच, बनता तो था लेकिन प्लेयर ऑफ द सीरीज को देखते हुए संतुलन बना, शैफाली को मिला जिसे प्रतिका रावल के रिप्लेसमेंट के रूप में लाया गया था। अमनजोत के द्वारा दक्षिण अफ्रीका के कप्तान का तीन प्रयास के बाद कैच पकड़ना मैच पकड़ना था। भारतीय महिला टीम ने फिल्डिंग में जान झोंक दिया था। सचमुच, अद्भुद, अद्वितीय,अनुपम, आश्चर्य जनक किन्तु सत्य कि देश की बेटियों ने इतिहास रचा है। पुरुष क्रिकेट टीम की जीत पर जश्न मनाना स्वाभाविक है लेकिन महिलाओं की जीत पर नगर के चौक पुरुषों का नाचना , झूमना बड़ी बात होती है। धन्यवाद हर मन प्रीत और आपकी टीम, अपने जागती आंखों को सपना साकार करने का अवसर 146 करोड़ देश वासियों को दिया।एक कमी रह गई प्रतीका रावल, चोटिल होने के कारण सेमीफाइनल से पहले बाहर हो गई थी, इस खिलाड़ी ने लीग राउंड में देश की उम्मीद को सांस दी थी। ये खिलाड़ी कल व्हील चेयर पर थी।एक मेडल इसका भी बनता था। टीम को ये ख्याल रखना था। बहरहाल आपकी जीत का जश्न हमने भी दिल खोल कर मनाया है। सेमीफाइनल में जीते तो भावनात्मक आंसू थे।कल जीत के नमक की मिठास को स्वाद लिया है। हर मन प्रीत कौर देश के सफल कप्तानों कपिल देव, एम एस धोनी, रोहित शर्मा की कतार में खड़ी होकर सर्वकालीन महान कप्तान बन चुकी है।146 करोड़ बधाई, 146करोड़ शुभ कामनाएं|

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