सचिन तेंडुलकर के सारे रिकॉर्ड जो रूट तोड़ देंगे! भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पांच टेस्ट की सीरीज में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जोसेफ एडवर्ड रूट(पूरा नाम) ने धूम मचाया। उनके रहते तक भारत की टीम को फिक्र रहती थी।अपने नाम के अनुरूप रूट, पिच में अपनी जड़ जमा लेते थे। विश्व क्रिकेट में समकालीन महान बैट्समैन की परंपरा रही है। भारत के विराट कोहली, ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ, न्यूजीलैंड के केन विलियमसन पिछले दशक में विश्व में अपने नाम का डंका बजाते रहे है। अगर कोरोना काल प्रभावित नहीं किया होता तो कहानी कुछ और ही होती। ये सारे बैट्समैन के रिकॉर्ड कुछ और ही कहते।इन सारे बैट्समैन के लिए एक बात पर सभी सहमत थे कि इन सभी में सचिन तेंडुलकर के रिकॉर्ड 15921रन को पार करने की संभावना देखी गई थी। वर्तमान में विराट कोहली टेस्ट खेलना छोड़ चुके है। केन विलियमसन न्यूजीलैंड के लिए खेलते है वो देश कम क्रिकेट खेलता है। ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ की उम्र 36साल हो रही है और वे 119टेस्ट में 10477रन ही बना सके है। इस कारण सचिन तेंडुलकर के रिकॉर्ड तोड़ना इनके बस की बात नहीं है।सचिन तेंदुलकर के पास तीन अविस्मरणीय रिकॉर्ड है।पहला 200टेस्ट खेलने का,दूसरा सबसे अधिक रन 15921रन और टेस्ट में सबसे अधिक 51शतक का। इन रिकॉर्ड्स को वर्तमान में एक ही बैट्समैन में तोड़ने की संभावना दिखती है। ये है इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जोए रूट। जोए रूट जिस तरीके से खेल रहे है उससे संभावना जगती तो है। जोए रूट 35साल के हो गए है।अगर अपनी फिटनेस बनाए रखते है तो अगले चार साल आसानी से खेल सकते है। इंग्लैंड औसतन साल में 10से12टेस्ट खेलता है।इस हिसाब से रूट के हिस्से में 40से 48टेस्ट आयेंगे। रूट 157टेस्ट खेल चुके है।ऐसे में सचिन के अधिकतम 200टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड टूट जाएगा।सचिन ने 15921 रन अपने केरियर में बनाया है। जोए रूट13409रन 57.40की औसत से बना रहे है। यही प्रदर्शन जारी रहा तो बचे 2512रन बनाने के लिए 44टेस्ट खेलना पड़ेगा। सचिन के 51 शतक का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 38शतक लगा चुके जोए रूट को 13 और शतक लगाना पड़ेगा । वर्तमान में जोए रूट औसतन चार टेस्ट में एक शतक लगा रहे है(भारत के खिलाफ तो पांच टेस्ट में ही तीन शतक लगा दिए है) ऐसा ही प्रदर्शन करने पर 44टेस्ट खेलने की स्थिति में 51 शतक का रिकॉर्ड भी टूट सकता है।ये बात अगर मगर के आधार पर है इंग्लैंड सहित अनेक देश के खिलाड़ी अपनी टीम पर वजन नहीं होते हैं। सचिन तेंदुलकर ने अठारह टेस्ट केवल दो सौ टेस्ट पूरे करने के लिए खेले और बीसीसीआई ने खिलाया भी।इंग्लैंड में ऐसा नहीं होता, प्रदर्शन मायने रखता है।
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