आज धोनी के बराबर खड़े होने का दिन
25जून1983को लार्ड्स में कपिलदेव की कप्तानी में भारत ने दो बार की विजेता टीम वेस्ट इंडीज को हरा कर एकदिवसीय कप जीता था।इस दिन पूरा देश खुशी से झूम उठा था। कपिल देव के बाद केवल सुनील गावस्कर दूसरे कप्तान थे जिनके नेतृत्व में भारत बेंसन एंड हेजेस कप 1985में जीता था।
इन दो जीत के बाइस साल बाद धोनी की कप्तानी में 2007 में भारत ने टी 20 का वर्ल्ड कप और 2011में वन डे वर्ल्ड कप जीता। 1983से 2024के बीच की अवधि में भारत सौरव गांगुली और रोहित शर्मा के नेतृत्व में वन डे फाइनल में पहुंचा । टी 20के भी फाइनल में 2014में भी भारत पहुंचा था लेकिन जीत रेत की तरह हाथ से फिसल गई। आज फिर भारत फाइनल में है और सामने दक्षिण अफ्रीका की टीम है।
इस बार का फाइनल दो नजरिए से महत्वपूर्ण है। पहला है टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ के लिए। आज उनका बतौर हेड कोच अंतिम अधिकृत दिन है। उनकी बिदाई के लिए रोहित शर्मा की टीम सहित पूरा देश चाह रहा है कि राहुल द्रविड़ कप हाथ में उठाकर कहे अलविदा भारतीय टीम, तुमने मेरे कोच होने का गुरु दक्षिणा दे दिया। दूसरा नजरिया है कि बीसीसीआई भारत के अगले कप्तान के लिए चेहरे की तलाश में दूरबीन लिए घूम रही है। के एल राहुल,हार्दिक पांड्या के इर्द गिर्द कप्तानी अपनी निगाहे गड़ाए हुए है। हार्दिक पांड्या मुंबई इंडियन के कप्तान है ही, इसके पहले गुजरात टाइटन के भी कप्तान रह चुके है। के एल राहुल भी आईपीएल में के कप्तान रहे है। हार्दिक पांड्या को गुजरात से मुंबई की कप्तानी देना “गुजराती कनेक्शन” को पुख्ता करता है। रोहित शर्मा मुंबई इंडियन की कप्तानी से विदा होना और हार्दिक पांड्या को भारतीय टीम का उपकप्तान बनाना भविष्य का संकेत है।
मुझे अच्छे से याद है 1985 का बेंसन एंड हेजेस कप की जीत के बाद कप्तान सुनील गावस्कर का भाषण। सुनील ने कहा था कि हिमालय के शिखर पर चढ़ने के बाद देश के झंडे को लहराना ही जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। आज में खुद को यहां पाकर अभिभूत हूं और आज कप्तानी से मुक्त होता हूं। सुनील गावस्कर की उम्र तब 36साल थी। रोहित शर्मा के 37साल के हो चुके है। ये बात जरूर है कि रोहित में अभी बहुत क्रिकेट बाकी है लेकिन कप्तानी के बारे में उनको सोचना जरूर चाहिए। कप्तानी का भार किसी भी खिलाड़ी के लिए अतिरिक्त भार होता है। खास कर जब टीम संतुलित न हो तो और भी। फिलहाल रोहित शर्मा के पास अच्छी टीम है। इसके अलावा हर क्रम पर विकल्प बाहर बैठा हुआ है। खुद रोहित शर्मा बतौर ओपनर बल्लेबाज देखे तो शुभमन गिल और यशश्वी जायसवाल तगड़े ओपनर है।
आज का दिन रोहित शर्मा की टीम के साथ साथ देश के लिए भी उम्मीदों का दिन है। एक सौ बयालीस करोड़ जनता के उम्मीद पर रोहित शर्मा की टीम खरा उतरेगी। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीम को हरा कर फाइनल में पहुंचे है ये दो जीत आत्मविश्वास को लबरेज करेगी। विराट कोहली और ऋषभ पंत अगर अपनी क्षमता का पचास फीसदी भी योगदान विकेट के आगे दे दे तो दक्षिण अफ्रीका की पराजय तय है।
तो शर्मा जी के बेटे रोहित, और देशवासियों के उम्मीदों के प्रतीक कप्तान रोहित शर्मा जी, आज बल्ला वैसे ही चलाना जैसे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ चलाया था। एक बात और है 2024के वर्ल्ड कप के कोई भी बल्लेबाज शतक नहीं लगा पाया है। निकोलस पूरन
(वेस्ट इंडीज) 98 तक पहुंच पाए है। दूसरी तरफ इस टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वालों के क्रम में दूसरे स्थान पर खड़े हो, आज पूरी कसर निकाल दो।
शुभ आशीष, देश दुआएं दे रहा है, जीत ही जाओ कप्तान
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