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    Home»Featured»“जाकर मोदी को बता देना।”
    Featured

    “जाकर मोदी को बता देना।”

    Sanjay DubeyBy Sanjay DubeyMay 7, 2025Updated:May 7, 2025No Comments2 Mins Read8 Views
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    शाबाश मोदी पहलगाम में किसी नपुंसक आतंकवादी ने निहत्थों की निर्मम हत्या करने के बाद एक युवती से कहा था -” जाकर मोदी को बता देना।” निर्लज्जा का ये चरमोत्कर्ष था। दो दर्जन से अधिक पुरुषों की कायरतापूर्वक हत्या ने देशवासियों की संवेदना को झकझोर कर रख दिया था। पत्नी और बच्चों के सामने उनके पति और पिता की नृशंस हत्याओं ने देश के प्रधान मंत्री, सहित गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को सीधे चुनौती दी थी।

    धर्म पूछ कर हत्या करने वाले देश में सांप्रदायिक दंगों की मंशा को तीली लगाने आए थे वो भी पाकिस्तान से और कट्टरपंथी मुसलमान थे। इस बात से भी इंकार नहीं है कि उन्हें कश्मीर में स्थानीय लोगों ने शरण दिया,उनको सुरक्षित रखने का जुगाड भी किया। कश्मीर के उन नागरिकों की पहचान जरूरी है जो खाते यहां का है और गाते वहां का है।कल रात “ऑपरेशन सिंदूर” ने पाकिस्तान के अनधिकृत कश्मीर ने हवाई हमले से ये जता दिया कि “इस बार नामर्दों के नामर्दगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जहां पर भी रहोगे मारे जाओगे।” भारत सरकार को पाकिस्तान के साथ जितनी सख्ती बरतना है बरते।

    इस्लामाबाद में भी हमला करने की जरूरत हो तो करे।किसी भी विदेशी देश को भारत के द्वारा पाकिस्तान में किए जाने वाले हमले के प्रति विरोध करने का अधिकार नहीं है।बहुत हो गया, पड़ोसी होने का मतलब ये नहीं है कि अपने पड़ोसी का जीना दुश्वार कर दे। सहनशक्ति की सीमा खत्म हो चुकी है।1947के नासूर का स्थाई इलाज जरूरी है। दुःख की बात ये है कि इस नासूर को जन्म देने वाले इस देश में तथाकथित सम्मानित व्यक्ति का दर्जा पाए हुए है।उन्हें भी खारिज करने की जरूरत है।एक स्ट्राइक देश के भीतर भी जरूरी है।

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