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    Home»Featured»चले गए अंग्रेजों के जमाने के जेलर
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    चले गए अंग्रेजों के जमाने के जेलर

    mitaanindiamediaBy mitaanindiamediaOctober 21, 2025Updated:October 21, 2025No Comments2 Mins Read0 Views
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    चले गए अंग्रेजों के जमाने के जेलर फिल्म इंडस्ट्री में हर कलाकार को अनेक भूमिकाएं निभाने का अवसर मिलता है।इनमें से कुछ भूमिकाएं ऐसे निभाई जाती है जिसमें वो कलाकार उस भूमिका को जी जाता है। असरदार असरानी ने वैसे तो फिल्मों में चरित्र भूमिकाएं निभाई लेकिन कुछ किरदारों में असरानी, बहुत ही असरदार रहे। खासकर उन्हें शोले फिल्म के जेलर और “सारे घर के बदल डालूंगा” सिल्वेनिया कंपनी के बल्ब के विज्ञापन में। 1964 में असरानी फिल्म इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे से कला की बारीकी सीखे और बॉलीवुड में किस्मत आजमाने लगे।

    असरानी को एक बेहतर कॉमेडियन माना गया यद्यपि वे बीच बीच में सादगी पूर्ण अभिनय करने वाले भूमिका भी निभाते रहे। अभिमान फिल्म में गायक गायिका पति पत्नी के सेक्रेटरी की भूमिका को असरानी ने बेहतर निभाया था। उन्नीस सो सत्तर और अस्सी के दशक में असरानी एक स्थापित कॉमेडियन रहे। उनके साथ साथ फिल्म से कॉमेडियन हटते गए और नायकों ने हंसी मजाक का ठेका ले लिया। फिल्मों में कादर खान और शक्ति कपूर की जोड़ी ने गोविंदा के साथ जो तालमेल बैठाया उसके चलते असरानी को सहायक कॉमेडियन बनना पड़ा।असरानी, हिंदी फिल्मों के साथ साथ गुजराती फिल्मों में भी बराबरी से काम किया। मैने असरानी की बहुत फिल्मे देखी लेकिन जिस किरदार के लिए जाने गए वह शोले फिल्म में जेलर की भूमिका थी। हम “अंग्रेजों के जमाने के जेलर है।” उनके संवाद का चरम था। उन्हें हिटलर का गेटअप देकर फिल्म में भूमिका दी गई थी। सिल्वेनिया बल्ब कंपनी के विज्ञापन में सारे घर के बदल डालूंगा में बहुत कम समय में बहुत कुछ कहा था।मेरे अपने, बावर्ची, चुपके चुपके, छोटी सी बात, उनकी चुनिंदा फिल्मे है। जो देख कर श्रद्धांजलि दे सकते है|

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