क्या मोदी,इंदिरा और नेहरू के रिकार्ड तोड देंगे!
नरेंद्र मोदी रविवार को जैसे ही प्रधान मंत्री पद की लगातार शपथ लेते ही पण्डित नेहरू के समकक्ष और इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ देंगे। पण्डित नेहरू और इंदिरा गांधी दोनो देश के तीन तीन बार प्रधान मंत्री रहे है। इंदिरा गांधी दो बार अलग अलग कार्यकाल में प्रधान मंत्री रही है
भारतीय संविधान में राष्ट्रपति के सलाह मशविरे के लिए मंत्री परिषद की व्यवस्था अनुच्छेद 74में की गई है।अनुच्छेद 75में प्रधान मंत्री की नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति का है। आम चुनाव में सबसे ज्यादा निर्वाचित सदस्य संख्या वाली पार्टी को पहला अवसर मिलता है।1952से1989तक देश में जनता ने स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार चलाने के लिए मतदान किया। इसके बाद 2014तक स्पष्ट बहमत संख्या याने 272सीट किसी भी एक पार्टी को नहीं मिला। ये दौर गठबंधन सरकारों का था। 2014से2024 तक भाजपा स्पष्ट बहुमत वाली पार्टी रही । अब के चुनाव में फिर ऐसी सरकार काम करेगी जिसमे बैशाखी लगी है। भारत के पूर्व
प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने बड़े ही साहसिक ढंग से बताया था कि “गठबंधन सरकार की अपनी मजबूरियां होती है”। ये बात सही भी है। एक पार्टी की बहुमत के चलते बड़े फैसले आसानी से हो जाते है।सहयोगी पार्टियों के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने की झखमारी होती है।
ये बात भी सही है कि सरकार बनेगी तो प्रधान मंत्री का बनना भी संवैधानिक कार्य होगा। नरेंद्र मोदी सरकार बनाते हुए तीसरी बार प्रधान मंत्री बनने जा रहे है।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में 14प्रधान मंत्री ने भारत में अपनी सेवा दी है। इनमे से केवल पंडित जवाहरलाल नेहरु और नरेंद्र मोदी ऐसे प्रधान मंत्री रह रहे हैं जिनकी पार्टी या गठबंधन ने लगातार तीसरी बार एक व्यक्ति को तीन बार प्रधान मंत्री बनाया है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू 15 अगस्त 1947को अंतरिम प्रधान मंत्री रहे जिन्हे अप्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति से चयनित किया गया था। 15अगस्त1947से 16अप्रेल 1952तक याने 4 साल 242दिन तक कांग्रेस द्वारा निर्वाचित प्रधान मंत्री बने।
1952में स्वतंत्र भारत में पहला लोकसभा चुनाव हुए।कांग्रेस का कोई सशक्त विरोधी दल था ही नहीं सो कांग्रेस को बहुमत मिला और भारतीय संविधान में बनी व्यवस्था के अनुसार पंडित जवाहरलाल नेहरू पहले निर्वाचित प्रधान मंत्री बने। 1952,1957और 1962तीनों आम चुनाव में नेहरू का कोई विकल्प नहीं मिला। 27मई 1964को नेहरू का निधन हो गया। 12साल 41दिन ( 4421दिन)तक नेहरू देश के प्रधान मंत्री रहे। अगर15अगस्त1947से लेकर 15अप्रैल 1952के अप्रत्यक्ष निर्वाचित कार्यकाल को जोड़ लिया जाए तो नेहरू 16साल 286दिन प्रधान मंत्री रहे याने6412दिन वे प्रधान मंत्री कार्यालय में काम किए।
पंडित जवाहरलाल नेहरु के लगातार तीन कार्यकाल तक प्रधान मंत्री बनने के रिकार्ड की बराबरी नरेंद्र मोदी ने 2014,2019और 2024में सरकार बनाकर कर लिया है। मोदी लगातार 10साल 14दिन(3361दिन) से प्रधान मंत्री है। उनको पंडित नेहरू के 1952 से1964के 4421दिन के रिकार्ड को तोड़ने के लिए दो साल एक महीने एकदिन( 761दिन) का समय पूरा करना होगा।
पंडित जवाहरलाल नेहरु के बाद इंदिरा गांधी दूसरी प्रधान मंत्री रही जिन्होंने दो बार हुए चुनाव में मिले। बहुमत के आधार पर 1966 और1971में सरकार बनाने हुए इंदिरा गांधी प्रधान मंत्री बनी थी। उन्होंने लोकसभा के कार्यकाल को पांच साल से बढ़ा कर छः साल कर दिया था। इस कारण 11साल 59दिन(4074) लागतार प्रधान मंत्री रही। नरेंद्र मोदी को इस रिकार्ड को तोड़ने के लिए केवल 413दिन प्रधान मंत्री बने रहना जरूरी है। सब कुछ सामान्य रहा तो नरेंद्र मोदी 2025 के जुलाई महीने में इंदिरा गांधी के रिकार्ड और तीन साल 15दिन याने 2028में पंडित जवाहर लाल नेहरु के निर्वाचित प्रधान मंत्री के कार्यकाल के दिन के रिकार्ड को तोड़ देंगे।
पंडित जवाहरलाल नेहरु के 15अगस्त 1947से 27मई 1664तक लागतार कार्यकाल 16वर्ष286दिन(6121) और इंदिरा गांधी के खंडित तीन कार्यकाल (1977 से1980की अवधि को छोड़कर) 31अक्तूबर 1984 (4साल1महीना)की कुल अवधि को जोड़े तो 6825 दिन के रिकार्ड को तोड़ने के लिए चौथे कार्यकाल में प्रधान मंत्री बनना ही होगा।
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