कौन है ये लोग ,कहां से आते है?
मई महीने को गुजरे महज 40दिन ही हुए थे कि देश में दूसरी ऐसी घटना घटी जिसने दिल दहला दिया। दोनों घटना में सामाजिक रिश्ते तार तार हो गए और लोग सोचने पर मजबूर हो गए कि आखिर कार ये रिश्ता क्या कहलाता है?
एक नवविवाहित युवती, कथित रूप से विवाह पूर्व के प्रेम संबंध को पुनर्जीवित करने करने के लिए विवाह जैसे संस्कार की सारी प्रक्रिया पूरा करने के बाद सुनियोजित ढंग से अपने पति की निर्मम हत्या करवा देती है।दूसरी घटना में एक पिता अपनी ही बेटी के रहन सहन और इससे उपजे कारणों से इतना व्यथित हो जाता है कि पांच गोली चलाकर अपनी है बेटी की जान ले ले।
समाज चाहे देशी हो या विदेशी, ये माना गया है कि मनुष्य सामाजिक प्राणी है,असामाजिक होने में उन्हें कठिनाई होती है। चार पांव के जानवर को दो पांव में खड़े होने में हजारों साल लगे है। विकास की प्रक्रिया मे ही समाज ने जन्म लिया और सामाजिक संबंधों का निर्माण हुआ। पुरुष -स्त्री के बीच पिता माता से लेकर पति पत्नी , भाई बहन के रक्त संबंध बने। आत्मीयता को प्रगाढ़ करने के लिए दीगर सामाजिक संबंधों में अनेक नामवर रिश्ते बने। आज भी बहुतायत से सामाजिक परिवेश बना हुआ है। संबंध प्रगाढ़ भी है लेकिन इनमें घटित होती कुछ घटनाएं सामूहिक रूप से आम लोगों को व्यथित कर देती है। क्या ऐसा भी हो सकता है कि महज शादी के कुछ ही दिनों के बाद एक पत्नी,अपने ही पति मरवाने के लिए ए, बी, सी, डी, प्लान बनाती है। अमल करती है,करवाती है।
एक पिता अपनी महत्वाकांक्षा के लिए बेटी पर खिलाड़ी बनाने का दांव लगाता है। बेटी के सफल न होने पर या अपने करियर के लिए दूसरे विकल्प चुने जाने पर सामाजिक ताने से इतना उग्र होता है कि बेटी की हत्या ही कर देता है।

ऐसा माना जाता है कि रिश्तों का निर्माण में व्यक्ति अपने आप सहित दूसरी को मर्यादित जीवन जीने के बंधनों में बंधता- बांधता है। विशेष कर पुरुष और स्त्री के बीच के संबंधों में जब रिश्ते की जगह कुत्सित मानसिकता जन्म लेने लगती है तो गुप्त अपराध घर करने लगते है।” बेड टच(bed touch)के बारे में जब सर्वेक्षण हुए तो आश्चर्य जनक परिणाम सामने आए। रिश्तों से ज्यादा लैंगिक आकर्षण के परिणाम सामने आए।
विदेशों में सामाजिक रिश्ते है तो लेकिन विवाह, संस्कार नहीं हो कर समझौता (agreement) है। उनके यहां मिलना बिछुड़ना,सामान्य बात है।सामाजिक रिश्ते भी संदेहास्पद है।जब पोर्न फिल्मों में संबंधों के आधार पर शारीरिक संबंध का खुलासा हो(भारत में “भाभी”जैसा रिश्ता दायरे में है) तो मान लेना चाहिए कि विदेशी संस्कृति का बड़ा काम दूसरे देशों के संस्कार पर आक्रमण करना ही है।
सामाजिक संबंधों में बढ़ते तो नहीं होते आपराध कान खड़े करते है। एक पत्नी के द्वारा पति की और एक पिता के द्वारा बेटी की हत्या के कारण के विकल्प के बजाय पत्नी और पिता का अनियंत्रित मानसिकता अचंभित करती है।
सोनम रघुवंशी और दीपक यादव के पास केवल हत्या ही विकल्प क्यों रहा ये प्रश्न सामाजिक संबंधों के कमजोर होने के बजाय आत्म अनियंत्रण का है।एक पत्नी तथाकथित रूप से प्रेम की आशक्ति और धार्मिक अविश्वास और एक पिता बेटी के अनियंत्रित कार्यशैली के चलते खुद को कानूनी जोखिम में डाल दे,इसे क्या मानेंगे?