एक टेस्ट,दो दिन,चार पारी, और विकेटों की पतझड़
यकीन मानेंगे कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट क्रिकेट का मुकाबला केवल दो दिन के चार इनिंग्स खत्म हो गया। ऑस्ट्रेलिया 7रन से टेस्ट भी जीत ली! ये टेस्ट इसलिए भी यादगार है क्योंकि कुल 266.3 ओवर बॉल फेंकी गई जिसमें 134ओवर मेडन थे। चार परियों में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के 15-15 बल्लेबाज दोनो इनिंग्स में दहाई रन संख्या को छू नहीं पाए। ऑस्ट्रेलिया के एक बल्लेबाज ह्यूज मेसी ने इकलौता अर्ध शतक (55)बनाया और यही पारी इंग्लैंड पर 7रन से जीत के लिए पर्याप्त रही।
28और 29अगस्त 1882को ओवल इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट इतिहास का नौवा टेस्ट था।ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। इंग्लैंड के गेंदबाज डिक बार्लो ने(5)और टेड फ्रिटे ने (4) विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया की कमर तोड़ दी। ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 63रन पर ऑल आउट हो गई। जैक ब्लैकमैन सर्वाधिक 17रन बना सके। ऑस्ट्रेलिया की पहले इनिंग्स में 7बल्लेबाज दहाईअंक को छू नहीं पाए थे
इंग्लैंड भी बल्लेबाजी करने उतरी तो ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज फेड्रिक स्पोफोर्थ ने कहर बरपा दिया। 46रन देकर 7विकेट लेकर इंग्लैंड को 101रन पर रोक दिया। इंग्लैंड के भी सात बल्लेबाज दहाई के नीचे रन बना सके।
ऑस्ट्रेलिया को 38रन की बढ़त पार कर ऐसा लक्ष्य इंग्लैंड को देना था जिससे जीत मिल सके। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों में से केवल ह्यूज मेसी55रन की नायब पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया के आठ बल्लेबाज दहाई रन के ऊपर न जा सके। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने विकेट आपस में बांटते हुए ऑस्ट्रेलिया को 122रन पर समेट दिया।
इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 85रन बनाना था।उनके सामने आस्ट्रेलिया के फेड्रिक स्पोफोर्थ का वही तूफान सामने था । पहली इनिंग्स के समान ही दूसरी इनिंग्स में भी शानदार गेंदबाजी करते हुए फेड्रिक स्पोफोर्थ ने इंग्लैंड के सात बल्लेबाजों को पेवेलियन का रास्ता दिखाया। इंग्लैंड की टीम 77 रन बनाकर आल आउट हो गई। इंग्लैंड 7रन से मैच हार गया। ऑस्ट्रेलिया के स्पोफोर्थ ने90रन देकर14विकेट लिए।
इस टेस्ट के पचास फीसदी ओवर में रन ही नहीं बने। 266.3ओवर की कुल गेंदबाजी हुई और 134ओवर मेडन रहे।चालीस विकेट गिरे जिसमें से 30विकेट दस से कम रन पर गिरे। इतना रोमांचक मैच था इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का।