के.वी.टी श्रीधर, संस्थापक और प्रधान संपादक
संजय दुबे, पूर्व संपादक
हमारे संपादक……
1987 सेअनवरत लेखन का दौर जारी है,जी हां, हमारे संपादक का लेखकीय जीवन ही 47साल का होने जा रहा है। 1991में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिशासी परीक्षा में संजय दुबे देश में प्रवीण्य में प्रथम थे। विविध भारती मुंबई में उनका चयन भी हुआ,इसका कारण भी था 1987में रविशंकर विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित पत्रकारिता स्नातक उपाधि परीक्षा में प्रवीण्य में प्रथम आकर स्वर्ण पदक विजेता जो थे।
राज्य सरकार की सेवा को उन्होंने प्राथमिकता दी। अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में चौतीस साल की सेवा दी।2021में सेवा निवृत होकर स्वतंत्र लेखन में व्यस्त है।
देश दुनियां के लब्ध प्रतिष्ठित समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में डेढ़ हजार लेखों का प्रकाशन से ये प्रमाणित करता है कि विविधता की स्वीकार्यता है।
शासकीय सेवा के कालावधि में शासन के अनिवार्य नियंत्रण के चलते सामाजिक सरोकार, विधि, खेल,फिल्म, दूरदर्शन विषयो पर लेखन के बाद अब नियंत्रण से परे लेखन की दुनियां है। विधि और अर्थ की शिक्षा उनके लेखन में दृष्टिगोचर होता है