Browsing: कविता

कितना कठिन होगावो वक्त जबअपने ही रहनुमाके बारे में तुमनेये सुना होगा कि वेशहीद हो गएअब वे इस दुनियां मेंनही…

उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहींइश्क़ ही इश्क़ की क़ीमत हो ज़रूरी तो नहींएक दिन आप…

मुझे लगता है कि मां को निदा फ़ाज़ली से बेहतर न कोई समझ सकता है, न अभिव्यक्त कर सकता है,उनके…