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Author: Prof.(Dr.) Sanjay Dwivedi
युद्ध न कीजिए पर भरोसा भी मत कीजिए पाकिस्तान पर!
टिप्पणी…एक रहेंगे तो नेक रहेंगे!शक्ति,संयम और सूझबूझ ने दिलाई विजय भारतीय सैन्य शक्ति, राजनीतिक नेतृत्व के शक्ति, संयम और सूझबूझ से बहुत कम समय में भारत ने वह हासिल कर लिया,जिस पर समूचा भारत मुस्करा रहा है। पहलगाम हमले से पैदा हुई बेबसी, आर्तनाद से मर्माहत हुए राष्ट्र ने जवाबी कार्रवाई से राहत की सांस ली है। अब जबकि युद्ध विराम हो चुका है तो संतोष करना चाहिए कि भारत युद्ध को आतुर देश नहीं है, बल्कि हम आतंकवाद के विरुद्ध अपनी जंग के लिए प्रतिबद्ध हैं।पिछले कुछ दिनों में जैसे हालात बन गए थे, उससे साफ लग रहा कि…
संवाद से संकटों के हल खोजना भारत की विशेषता
संवाद से संकटों के हल खोजना भारत की विशेषता: प्रो.संजय द्विवेदी -पीआरएसआई के 46 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए देशभर के 200 जनसंपर्क विशेषज्ञरायपुर, 22 दिसंबर। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी),नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रो.(डॉ.) संजय द्विवेदी का कहना है कि भारत ने संवाद से संकटों का हल खोजने की अनोखी विधि विकसित की थी। हमारी परंपरा में संवाद कभी व्यवसाय का विषय नहीं था, उसका उद्देश्य लोकमंगल ही रहा है। वे यहां 46वें राष्ट्रीय जनसंपर्क सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित सत्र को अध्यक्ष की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन वैचारिक ‘कुंभ’…
राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा : हिंदी
हिंदी दिवस (14 सितंबर पर विशेष) हिंदी : राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है, जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यह विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, जो हमारे पांरपरिक ज्ञान, प्राचीन सभ्यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है। हिंदी भारत…
सामाजिक समरसता से बनेगा सशक्त भारत
सामाजिक समरसता से बनेगा सशक्त भारत समता, ममता और समरसता हमारे भारतीय लोकजीवन का अभिन्न अंग है। हम जिस देश में रहते हैं उसके ऋषि कहते हैं- ‘सर्वभूतहिते रताः।’ प्रकृति से साथ हमारा संवाद बहुत पुराना है। इसलिए हमने अपनी समूची सृष्टि को स्वीकारा। किसी को विरोधी नहीं माना। पेड़,पहाड़, नदियां, समुद्र, वनस्पतियां, जलचर,नभचर, जीव-जंतु, मनुष्य सबमें ईश्वर का वास मानने वाले हम ही हैं। हम ही कह पाए जो जड़ में है वही चेतन में है। कण-कण में ईश्वर का वास मानने वाली संस्कृति ही भारतीय संस्कृति है।काल के प्रवाह में विचलन स्वाभाविक है। आज हमें समता, समरसता और…
तानाशाह नहीं हैं मोदी !
तानाशाह नहीं हैं मोदी ! आलोचकों की परवाह न कर अपनी राह चलते हैं प्रधानमंत्री भाजपा छोड़कर जा चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान को वापस लाकर मोदी ने उन्हें केरल के राज्यपाल पद से नवाजा। राज्यपाल के पद पर बैठकर मोदी की आलोचना करते रहे सतपाल मलिक को भी प्रधानमंत्री पद से नहीं हटाते, बल्कि कार्यकाल पूरा करने का अवसर देते हैं। जबकि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है और उस पद पर बैठे व्यक्ति को केंद्र सरकार की सार्वजनिक आलोचना से बचना चाहिए। किंतु सतपाल मलिक ऐसा करते रहे और मोदी उनकी सुनते रहे। इसी तरह झारखंड के…
जिम्मेदारियों को बढ़ाता है सम्मान
जिम्मेदारियों को बढ़ाता है सम्मान : प्रो. संजय द्विवेदी सेवा के बाद मिले सम्मान की ख़ुशी ही अलग होती है : खुशी फॉउण्डेशन एवं दिशा एजुकेशनल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में सेवा शिखर सम्मान समारोह आयोजित विभिन्न क्षेत्रों की महान विभूतियों को सम्मान से नवाजा गया लखनऊ 27 जुलाई – खुशी फॉउण्डेशन और दिशा एजुकेशनल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को बौद्ध शोध संस्थान, गोमतीनगर के सभागार में सेवा शिखर सम्मान समारोह-2024 आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो(डॉ ) संजय द्विवेदी ने की। प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि प्रतिभाओं के सम्मान…
प्रभात झा: लोकसंग्रह और संघर्ष से बनी शख्सियत
प्रभात झा: लोकसंग्रह और संघर्ष से बनी शख्सियत यह नवें दशक के बेहद चमकीले दिन थे। उदारीकरण और भूमंडलीकरण जिंदगी में प्रवेश कर रहे थे। दुनिया और राजनीति तेजी से बदल रहे थी। उन्हीं दिनों मैं छात्र आंदोलनों से होते हुए दुनिया बदलने की तलब से भोपाल में पत्रकारिता की पढ़ाई करने आया था। एक दिन श्री प्रभात झा जी अचानक सामने थे, बताया गया कि वे पत्रकार रहे हैं और भाजपा का मीडिया देखते हैं। इस तरह एक शानदार इंसान, दोस्तबाज,तेज हंसी हंसने वाले, बेहद खुले दिलवाले झा साहब हमारी जिंदगी में आ गए। मेरे जैसे नये-नवेले पत्रकार के…
रोजगार पर फोकस
रोजगार पर फोकसरोजगार, कौशल विकास से जुड़ी 5 योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ का प्रावधान क्रांतिकारी कदम है। 4.1 करोड़ युवाओं को इससे लाभ मिलेगा। बजट में शिक्षा,रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रतिवर्ष एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर उपलब्ध कराने का फैसला स्वागतयोग्य है। जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार नौकरी बाजार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ अंशदान देकर प्रोत्साहन देगी। 500 शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की…
नरेंद्र मोदी से नफरत क्यों करता है पश्चिमी मीडिया?
नरेंद्र मोदी से इतनी नफरत क्यों करता है पश्चिमी मीडिया? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने दोनों कार्यकालों में पश्चिमी नेताओं के साथ अब तक के सबसे अच्छे संबंध रहे हैं। लेकिन पश्चिमी मीडिया के साथ ऐसा नहीं है, जिसने उन्हें ‘ताकतवर’ से लेकर ‘तानाशाह’ तक, कई तरह के शब्दों से संबोधित किया है। अब जबकि 2024 के लोकसभा चुनावों के अंतिम परिणाम आ चुके हैं और नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं, तब पश्चिमी मीडिया द्वारा फैलाए गए भारत-विरोधी और मोदी-विरोधी एजेंडे का त्वरित मूल्यांकन करना जरूरी हो जाता है। भारत ने लोकसभा चुनावों…
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मीडिया के उलझे रिश्ते
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मीडिया के उलझे रिश्ते “माननीय प्रधानमंत्री जी हम आभारी हैं कि आप हमारे बीच आए। मेरी ऑन दी जॉब लर्निंग अब शुरू हो गई है और 2024 तक मैं देश की सबसे अच्छी जर्नलिस्ट होने की कोशिश करूंगी। उम्मीद करती हूं कि तब आपसे एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू करने का मौका मुझे मिलेगा। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।” ये शब्द हैं भारत की पहली एआई बॉट एंकर सना के। आर्टिफिशनल इंटेलिजेंस के मीडिया जगत में बढ़ते इस्तेमाल की कई संभावनाएं हैं। इसी में से एक है कि आने वाले समय में देश के प्रधानमंत्री एक एआई एंकर से देश के…