अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : नई पीढ़ी की कामकाजी महिलाएं (एक तथ्य) समय के बदलते परिवेश में हमारे देश की महिलाओं ने लड़ते- झगड़ते, पढ़ना लिखना सीख ही लिया है. भारत देश की स्वतंत्रता को पचहत्तर वर्ष होते-होते इस देश की महिलाएं पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर होने की राह पर चल पड़ी हैं. आत्मनिर्भर बनने में सबसे बड़ा रोड़ा इस देश के पुरूषों की सामंती मानसिकता का था. उसे दूर हटाते हुए ये आगे बढ़ी और बढ़ती ही गई. पुरानी दकियानुसी परंपराओं एवं स्त्री विरोधी विचारों को दूर करते हुए बलिदान तक दिया इस पीढ़ी की महिलाओं ने तब जाकर घर से…