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Author: bharatiya press bureau
कितना आसान हो गया है असामाजिक होना
कितना आसान हो गया है असामाजिक होनाइंसानी दिमाग:जीवन से भरा जंगलअरस्तू ने कहा था कि”मनुष्य स्वभाव से एक सामाजिक प्राणी है” उसे साथ और संगत की जरूरत जीवन के आरंभ से लेकर खत्म होने तक होती है। आज मनुष्य के सामाजिक प्राणी होने के बजाय असामाजिक प्राणी होने की शिकायत मिल रही है क्योंकि मानसिक रूप से संबंध की प्रगाढ़ता मेल मिलाप पर निर्भर है और यांत्रिक उपकरणों के चलते संबंध भी यांत्रिक होते जा रहे है। अकेलापन, अवसाद हमारे इर्द गिर्द बढ़ते जा रहा है। यूं कहे कि हम हिंसक भी होते जा रहे है।ऐसा क्यों?देखा जाए तो हमारा…
राजकुमार राव और श्रीकांत बोल्ला
राजकुमार राव और श्रीकांत बोल्लादुनियां में संपूर्ण शरीर का मालिक अगर कुछ उपलब्धि पा ले तो कोई बड़ी बात नहीं होती है लेकिन ऐसा व्यक्ति जिसका कोई विशेष अंग बाधित हो और वह आसमान छू ले तो बहुत बड़ी बात हो जाती है। ऐसी ही एक जीती जागती शख्सियत है -श्रीकांत बोल्ला। ये शख्स दृष्टिहीन है, लेकिन जिनकी दोनो आंखे है उनसे लाख गुना की दूरदृष्टि रखता है। इससे प्रेरित एक फिल्म भी आ रही है जो “श्रीकांत बोल्ला” के नाम से ही है। राजकुमार राव ने इस किरदार को जीने की कितनी सफल कोशिश की है ये तो फिल्म…
महिलाओ ने झूठे वादों पर भरोसा नहीं किया!
महिलाओ ने झूठे वादों पर भरोसा नहीं किया!जिस प्रकार सभी पूर्वानुमान लगाने वालो ने अपने नंबर दिए है उनके हिसाब से भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अग्रसर होते दिख रही है। इस बार का लोकसभा के चुनाव में सबसे बड़ा निर्णायक तत्व न तो बेरोजगारी थी, न तो धर्म था, न संप्रदाय था, न जाति थी बल्कि लैंगिक अभिव्यक्ति थी याने आधी आबादी का निर्णय ही सरकार बनाने में निर्णायक थी। इस बात को लिखने में किसी को भी गुरेज नहीं होना चाहिए कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय की महिलाओ ने न केवल मतदान में पुरुषो से ज्यादा…
Founder
के.वी.टी श्रीधर, संस्थापक और प्रधान संपादक संजय दुबे, पूर्व संपादक हमारे संपादक……1987 सेअनवरत लेखन का दौर जारी है,जी हां, हमारे संपादक का लेखकीय जीवन ही 47साल का होने जा रहा है। 1991में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिशासी परीक्षा में संजय दुबे देश में प्रवीण्य में प्रथम थे। विविध भारती मुंबई में उनका चयन भी हुआ,इसका कारण भी था 1987में रविशंकर विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित पत्रकारिता स्नातक उपाधि परीक्षा में प्रवीण्य में प्रथम आकर स्वर्ण पदक विजेता जो थे।राज्य सरकार की सेवा को उन्होंने प्राथमिकता दी। अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में…
कैसे जीतेंगे बृज मोहन अग्रवाल !
क्या बृज मोहन अग्रवाल सात या दस लाख मतोंसे जीतेंगे!छत्तीसगढ़ राज्य के ग्यारह लोकसभा सीट के एग्जिट पोल के अनुमान सामने आ चुके है। सभी एग्जिट पोल एजेंसी ने भाजपा को न्यूनतम नौ से अधिकतम ग्यारह सीट दी है। कांग्रेस को न्यूनतम एक और अधिकतम दो सीट मिलने का अनुमान है। इस पूर्वानुमान को थोड़े समय के लिए मान भी लें तो इससे ये बात तो तय हो गई है कि भाजपा जिन लोकसभा सीट पर विजय प्राप्त करते दिख रही है उसमे पहले क्रम में राजधानी रायपुर की सीट है। वर्तमान केबिनेट मंत्री और आठ बार के भाजपा विधायक…
क्या मनोज तिवारी जीत की हैट्रिक लगाएंगे!
क्या मनोज तिवारी जीत की हैट्रिक लगाएंगे!एक दशक पहले जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (SFI) के बैनर पर कन्हैया कुमार प्रेसिडेंट निर्वाचित हुए थे। दिल्ली के छात्र राजनीति से देश में अनेक बड़े नेतृत्व ने जन्म लिया है। इन्ही संभावनाओं को अपने भीतर कन्हैया कुमार ने भी महसूस किया। जेएनयू में उन्होंने क्या किया या नहीं किया ये बीती ताहि बिसार देने वाली बात है।भारतीय राजनीति के राष्ट्रीय परिदृश्य में चमकने के लिए संसद सबसे अच्छी जगह है। इसमें भी प्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति से विजयी व्यक्ति का राज्य सभा में जाने…
राजनीति की पिच पर क्रिकेटर्स
राजनीति की पिच पर क्रिकेटर्सभारत में राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में लंबे समय तक प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों के फैन फालोइंग बहुत होती है। वे जब तक राष्ट्रीय टीम में होते है उन्हे आम जनता के अलावा बड़े उद्योगपतियों,फिल्म कलाकार सहित राजनीतिज्ञ भी सर आंखों में बिठाए रखते है। सक्रिय खेल जीवन के बाद नामचीन क्रिकेटर्स क्रिकेट से ही जुड़ा रहना पसंद करते है। वे खेल समीक्षक, विश्लेषक, सहित प्रशिक्षक बनने को प्राथमिकता देते है।देश की विभिन्न राजनैतिक पार्टियां फिल्मी कलाकारों के बाद क्रिकेट खिलाड़ियों को अपनी पार्टी में शामिल कर उनका फायदा उठाना चाहती है।अन्य खेलो के भी खिलाड़ी भी…
गीत और संगीत भारतीय फिल्मों की जान होती है
गीत और संगीत भारतीय फिल्मों की जान होती है। फिल्म के परदे पर आने और जाने के बाद अगर कोई बात जेहन में रह जाती है तो वह गीत और संगीत का मिश्रण होता है।92साल से गीतकार, संगीतकार सहित गायक और गायिका अथक परिश्रम करते आ रहे है। समय के साथ गीत,संगीत में जबदस्त बदलाव आया है।हरमोनियम तबले से लेकर भारी भरकम आर्केस्ट्रा के साथ गीतों का सृजन हुआ है।किसी भी गीत में गीतकार का कार्य एक कच्चा माल परोसने से ज्यादा नही होता है। राग लगाने से लेकर धुन बनाने के बाद गायन के बाद ही गीत और संगीत…
हनुमान जी ने जो लिखवाया
हनुमान जी ने जो लिखवायारात का अंतिम पहर …. अधखुली नींद के साथ सोने जागने का उपक्रम चल रहा था। अचानक लगा कि आसमान सिंदूरी हो रहा है।सात घोड़ों के रथ पर सूरज अपनी किरणों को बिखरने का काम शुरू कर रहा था। रथ से एक महारथी शनै शनै उतरा, भीमकाय शरीर, सूरज की किरणों के कारण चेहरा दिख नही रहा था। आकृति मेरे सम्मुख आकर खड़ी हो गई।वत्स, मुझे पहचानें?मुझे लगा कि सामने खड़ा विशाल व्यक्तित्व असाधारण ही है और कमोबेश इस ग्रह का तो नही है। इतना ऊंचा कि सर को पूरा पर भी स्पष्ट दिख नही रहा…
5रूपये की रिश्वत !
5रूपये की रिश्वत !इस जमाने में जब 5रूपये में एक हाफ चाय आती हो। नाश्ते के रूप में समोसा,आलुगुण्डा, भजिया 5 रू में न मिलता हो तब कोई शासकीय कर्मचारी 5रूपये रिश्वत लेते पकड़ा जाए तो आप क्या कहेंगे?चोरी, बेईमानी या रिश्वत में मूल्य का होना ही पर्याप्त माना जाता है। एक रूपये से करोड़ो रुपए तक की चोरी अथवा रिश्वत के लिए कानून में अलग अलग धाराओं में सजा का प्रावधान है। रिश्वत लेना सरकारी काम काज के एवज में अधिकृत रूप से सरकारी कर्मचारी के द्वारा लिया जाने वाला धन अथवा वस्तु है। रिश्वत के मामले में देने…