Author: bharatiya press bureau

खानाबदोश डी के याने दिनेश कार्तिकभारतीय क्रिकेट टीम में 2007से एक खिलाड़ी ने विकेट के पीछे अंगद का ऐसा पैर रखा कि उसके चलते दीगर विकेटकीपर पनप नहीं पाए। मामला टेस्ट क्रिकेट का हो या वन डे का या फिर टी ट्वेंटी का हो महेंद्र सिंह धोनी के रहते बाकी विकेटकीपर केवल राह देखते रह गए। इन विकेट कीपर्स में एक थे डी के,याने दिनेश कार्तिक।धोनी युग में धोनी के न खेलने की स्थिति में दूसरे विकेट कीपर को मौका मिल सकता था। टेस्ट क्रिकेट में धोनी के 90टेस्ट के साथ या बाद में पांच विकेटकीपर्स पार्थिव पटेल (25) दिनेश…

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मंथन:एक विचार के जन्म की जीती जागती फिल्मइस साल कांस फिल्म फेस्टिवल में क्लासिक फिल्मों की श्रंखला में भारत की फिल्म”मंथन” दिखाई गई।भारत में कलात्मक फिल्मों का एक दौर 1960से1980के दशक में चला था। ये फिल्मे मसाला फिल्म न होकर” जो है जैसा है”के सिद्धांत पर आधारित हुआ करती थी। इस दौर में अनेक निर्माता निर्देशक हुए इनमे से एक नाम श्याम बेनेगल का है कलाकार भी आए जैसे नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी स्मिता पाटिल, शबाना आज़मी।कलात्मक फिल्मों के लिए ऐसे विषय चुने जाते थे जिनका सादगी जीवन से सरोकार हो। पचास साठ के दशक की बात है।गुजरात में दूध…

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आईपीएल2024: उफानऔर तूफान का रोमांचक मैचआईपीएल प्रथम श्रेणी का सीमित ओवर का एक ऐसा टूर्नामेंट है जिसमे इस साल नया प्रयोग किया गया है, वह है मैदान की गोलाई की दूरी को कम कर दिया गया है।इसका परिणाम ये हुआ छक्कों की संख्या में आशातीत बढ़ोत्तरी हो गई है दूसरा दो सौ रन बनने के बाद कोई भी टीम बेफिक्र नहीं हो सकती थी कि मैच में जीतना आसान है।ऐसे ही आईपीएल में जब प्ले ऑफ के लिए तीन टीम सुरक्षित हो चुकी थी ।चौथे स्थान के लिए भारत के दो पूर्व कप्तानों महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की…

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स्त्री घर मत आनाअरविंद केजरीवाल के साथ मुसीबत एक के बाद एक हमसफर बनते जा रही है।अपनी पार्टी के साथ इंडी गठबंधन के साथियों के प्रचार के लिए बड़े मुश्किल से अंतरिम जमानत पाकर बाहर आए लेकिन बाहर कुछ और ही दिख रहा है,दिखा रहे है।देश जान रहा है कि इस बार आधी आबादी का चुनाव में बड़ा महत्व है।यही आबादी देश को अगले पांच साल के लिए किसी भी गठबंधन को दिल्ली में बैठाने वाली है।इसी कारण हर पार्टी ने अपने चुनावी पिटारे से लोक लुभावन वादे महिलाओ के लिए किए है।आम आदमी पार्टी, इस लोकसभा चुनाव में औरतो…

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मुझे लगता है कि मां को निदा फ़ाज़ली से बेहतर न कोई समझ सकता है, न अभिव्यक्त कर सकता है,उनके हर शब्द को नमन है बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मांयाद आती है! चौका बासन चिमटा फुकनी जैसी माँबांस की खर्री खाट के ऊपर हर आहट पर कान धरेआधी सोई आधी जागी थकी दो-पहरी जैसी मांचिड़ियों की चहकार में गूंजे राधा मोहन अली अलीमुर्ग़े की आवाज़ से बजती घर की कुंडी जैसी माँबीवी बेटी बहन पड़ोसन थोड़ी थोड़ी सी सब मेंदिन भर इक रस्सी के ऊपर चलती नटनी जैसी माँबांट के अपना चेहरा माथा आंखें जाने कहां…

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कांग्रेस को परिवार दिवस की बधाईआज विश्व परिवार दिवस है। एक तरफ हर संप्रदाय(एक को छोड़ कर) में परिवार में टूटन बढ़ते जा रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस की राजनीति में टूटन की बात गलत साबित हो रही है। एक परिवार के लिए प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई है। आजादी के बाद बहुमत के बावजूद सरदार वल्लभ भाई पटेल को गांधी की हठ धर्मिता के चलते पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधान मंत्री क्या बने परिवार वाद का भूर्ण रोपित हो गया। अपने बाद इंदिरा गांधी ( न कि दामाद फिरोज गांधी) को सत्ता सौंपने का सारा रिहर्सल शुरू हो गया।…

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