Author: bharatiya press bureau

भाजपा मिलर्स, गैर भाजपा मिलर्सविभाजन करो और शासन करो, अंग्रेजो की वह नीति है जिसे जहां चाहो जब चाहो अमल कर लो। नतीजा कुछ न कुछ तो निकलेगा ही। एकता टूटने का मतलब किसी भी संघ में एकता नहीं है, इसका संदेश बाहर जाता है। राइस मिलर्स कभी एका में सेंधमारी हो गई है। चार मंत्री मिलकर हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दिएएक तस्वीर आम हुई है समाचार पत्रों में, मंत्री ,अधिकारी की संख्या राइस मिलर्स की तुलना में एक कोने में है। जाहिर है सरकारी प्रयास है तो माइलेज तो मिलेगा ही। दूसरी तरफ प्रदेश राइस मिलर्स संघ…

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Ayurveda College Professor Alleges Harassment After Probing Sexual MisconductWhistle-blower Faces Retaliation; case highlights issues in protecting women professionals in Chhattisgarh.Raipur: Dr. Saroj Parhate, a senior professor and head of the Ras Shastra and Bhaishajya Kalpana Department at the Government Ayurveda College, Raipur, has accused senior officials and colleagues of harassment, mental torture, and character assassination in what she claims is a systematic attempt to sabotage her career and reputation. Dr. Parhate’s troubles reportedly began after she conducted an inquiry under the Vishakha Guidelines into a sexual harassment complaint against former Principal Dr. G.R. Chaturvedi. She claims her inquiry found Dr.…

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हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने किया नीरजा माधव की तीन पुस्तकों का लोकार्पण हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला का कहना है किसी भी राष्ट्र की उन्नति और समृद्धि के लिए आवश्यक है कि उसके नागरिक अपने भीतर राष्ट्रवाद की भावना को सतत जीवंत रखें।वे यहां प्रख्यात लेखिका डा. नीरजा माधव की तीन पुस्तकों के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। कमिश्नरी सभागार, वाराणसी में डॉ. नीरजा माधव की तीन पुस्तकों का एक साथ लोकार्पण हुआ। पहली पुस्तक “अर्थात् राष्ट्रवाद” जो प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित है और शेष दो पुस्तकें” नीरजा माधव…

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नीरजा माधव की पुस्तक लोकार्पण में बोले असम के राज्यपाल भारत में चल रही सांस्कृतिक पुर्नजागरण की लहर : लक्ष्मण आचार्य प्रख्यात लेखिका डॉ. नीरजा माधव की सद्य: प्रकाशित पुस्तक ‘भारत का सांस्कृतिक स्वभाव’ का लोकार्पण करते हुए असम एवं मणिपुर के राज्यपाल श्री लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि जिस तरह से तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना स्वान्त: सुखाय की थी लेकिन कालांतर में रामचरितमानस पूरे देश ही नहीं विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग दिखाने वाला महाकाव्य बन गया। इसी तरह से नीरजा माधव ने भी अपनी संतुष्टि के लिए और भारतबोध की भावना के साथ इस पुस्तक…

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अगर सचिन देव बर्मन जिंदा होते तो किशोर कुमार जिंदा न रह पाते!हिंदी फिल्मों में गाने उतने ही अनिवार्य है, जितने नायक और नायिका। इन नायक नायिकाओ के लिए गाने तब भी अनिवार्य थे जब फिल्मे बनना शुरू हुई थी ।गानों की प्रासंगिकता आज भी है वक्त के साथ भावार्थ बदले है लेकिन गाने आज भी सदाबहार है इसका प्रमाण ये भी है अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाली पीढ़ी भी गुनगुनाती तो हिंदी गाना ही है।हिंदी दिवस के समय मेरे एक परिचित ने ध्यान दिलाया था कि हिंदी भाषा के प्रसार प्रचार में हिंदी फिल्मी गानों का भी अहम योगदान…

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उम्र को मात देने वाली हेमा मालिनी उन्नीस सौ सत्तर के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में पुरानी नायिकाओं का दौर खत्म होने का था साथ ही नायक भी उम्रदराज़ होते जा रहे है, ऐसे में नायक को कम उम्र का दिखाने के लिए कम उम्र की नायिकाओं को लाने का काम शुरू हुआ।राजकपूर “सपनो का सौदागर” फिल्म के समय 54 साल के हो गए थे उनके लिए दक्षिण भारत की एक नायिका तलाशी गयी जिसकी उम्र 24 साल कम थी। इस नायिका को मुंबई में नए अंदाज में दर्शकों के सामने लाया गया। पूरे मुंबई में पोस्टर लगाया गया कि…

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बालमुकुंद शर्मा द्वारा विश्लेषण :- आप बिना पढे रह नहीं सकते…..भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मामला…..?… … . 2013 में जब गुजरात के मुख्यमंत्री (तत्कालीन) नरेंद्र मोदी को गोवा में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित किया गया, हालांकि पूर्व उप प्रधानमंत्री/बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे लालकृष्ण आडवाणी ने इस पर घोर आपत्ति दर्ज की थी, उसको दरकिनार करते हुए तत्कालीन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा कर ही दी और वहीं से जो भाजपा की धारा और विचारधारा धीरे-धीरे बदलने लगी‌‌। 2015 के बाद उसमें आमूल चूल परिवर्तन हो गया, मतलब धारा और…

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सकारात्मक खबरों को बढ़ावा देने से ही समाज स्वस्थ और सुखी होगा: केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरुगन आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के आबू रोड स्थित मुख्यालय शांतिवन के आनंद सरोवर परिसर में आयोजित राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन और मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने किया। मीडिया विंग द्वारा स्वस्थ एवं सुखी समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण- मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए देशभर से एक हजार से अधिक प्रिंट, इलेक्ट्रानिक, रेडियाे और बेव जर्नलिज्म से जुड़े पत्रकार, संपादक, ब्यूरो चीफ, रेडियो जॉकी, फ्रीलांसर…

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राष्ट्रीय मीडिया गुरु सम्मान से अलंकृत किए जाएंगे प्रो.संजय द्विवेदी पाली। कल्पवृक्ष साहित्य सेवा संस्थान, पाली (राजस्थान) द्वारा शिक्षाविद् पं. विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी स्मृति द्वितीय राष्ट्रीय व्याख्यान माला एवं साहित्यकार सम्मान समारोह आगामी 29 सितंबर को वंदेमातरम एकेडमी ,पाली में आयोजित किया गया है। संस्थान अध्यक्ष पवन पाण्डेय एवं संयोजक राजेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि समारोह में मानवीय मूल्यों की स्थापना, साहित्य लेखन, पत्रकारिता एवं शैक्षिक उन्नयन में विशेष योगदान देने हेतु भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रो. (डा.) संजय द्विवेदी जी को ‘पं. विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी राष्ट्रीय मीडिया गुरु सम्मान -2024’ से सम्मानित किया जायेगा। भारतबोध, राजनीतिक,…

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समीक्षक :- कृपाशंकर चौबे तीन श्रेष्ठ कवियों की पत्रकारिता का आकलनहिंदी के तमाम मूर्धन्य संपादक पत्रकारिता के किसी संस्थान या विश्वविद्यालय से प्रशिक्षित नहीं थे। किंतु वे अपने आप में प्रशिक्षण संस्थान थे। वे पूरे के पूरे पाठ्यक्रम थे और वे ही प्रयोगशाला थे। उनके भीतर अपने समाज को देखने और समझने की अचूक दृष्टि थी। इसलिए पत्रकारिता के पश्चिमी सिद्धांतों को रटने से कहीं ज्यादा आवश्यक भारतीय समाज के भीतर पत्रकारिता के स्वाभाविक विकास को समझना है। उसे समझने के लिए संपादकों की कहानी को जानना जरूरी है। उसमें सिद्धांत भी है, तकनीक भी है, उद्देश्य भी है और…

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