सूर्यवंशम वैभवक्रिकेट की दुनियां में कभी कभी ऐसे दिन भी आते है जब खेल से बड़ा खिलाड़ी हो जाता है।कल का दिन भी ऐसा ही था।कहा जाता है कि पुत के पांव पलने में ही दिख जाते है।आईपीएल शुरू होने से पहले एक विज्ञापन में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन से पूछते है कि सुना है तुम्हारी टीम में कोई तेरह साल का लड़का आया है। मैने उसके जन्म से पहले आईपीएल ट्रॉफी उठा चुका हूं। संजू सैमसन कहते है कि आपके जाते तक ये खिलाड़ी भी एकात कप जीत जाएगा।जिस खिलाड़ी का जिक्र विज्ञापन में हो रहा था वो खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी था।हमारा मानना है कि आईपीएल की बोली में हर साल एकात ऐसी घटना घटती है जिससे लगता है कि बोली लगाने वाले खुद को बड़ा साबित करने में तुल जाते है। तेरह साल का वैभव सूर्यवंशी को राजस्थान रॉयल्स के मालिकों द्वारा खरीदा जाना भी ऐसा ही लगा।मैदान में ये बालक उतरा तो अपने क्रिकेट जीवन की बड़ी शुरुआत बड़े छक्के से की। छोटी सी पारी खेला लेकिन प्रभाव छोड़ा। कल साबित कर दिया कि संभावना से लबरेज है, भरपूर है। गुजरात टाइटंस की टीम में स्थापित गेंदबाज है जो टेस्ट प्लेयर्स भी है। सिराज,इशांत शर्मा,प्रसिद्ध कृष्णा, अचूक गेंदबाज है लेकिन कल सब फीके पड़ गए। 210रन का लक्ष्य मिला था । नौ मैच में से सिर्फ दो मैच जीतने वाली राजस्थान रॉयल्स की बदकिस्मती साथ थी लेकिन वैभव सूर्यवंशी ने उम्मीद के नाम पर ताबड़तोड़ पारी खेली। मैदान के चारों तरफ ग्यारह छक्के आसमान में उड़े तो सात तेज तर्रार चौके क्षेत्ररक्षको को धता बता कर बाउंड्री के बाहर हुए। एक जमाने में क्रिस गेल को माना जाता था कि वे तूफान है लेकिन वैभव की उम्र देख कर लगा कि चक्रवात आ गया है। गेल ने जब महज तीस बॉल में शतक लगाया था तब उनकी उम्र वैभव के उम्र से दुगुनी थी याने खासा अनुभव बटोरे हुए थे। वैभव गेल से पांच अधिक बॉल खेल कर शतक ठोक दिया। किसी भी भारतीय क्रिकेटर द्वारा आइपीएल सबसे कम बॉल में शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए है। यूसुफ पठान के 37 बॉल में शतक के रिकॉर्ड को अब अपने नाम कर लिया है। कम उम्र में नामवर होने वाले में सचिन तेंडुलकर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। अपने टेस्ट जीवन की शुरुआती दौर में इमरान खान, शोएब अख्तर, वकार यूनुस और अब्दुल कादिर जैसे स्थापित अंतरास्ट्रीय गेंदबाजों का सामना किए थे। विनोद कांबली भी ऐसे थे, पृथ्वी शॉ भी ऐसे ही आगे बढ़े थे। अच्छे खेल की सराहना होनी चाहिए क्योंकि किसी भी क्लब स्तर के मैच में रन बनाना आसान नहीं होता है ऐसे में तीन तीन टेस्ट प्लेयर्स सिराज , प्रसिद्ध कृष्णा औरइशांत शर्मा को लगभग गेंदबाजी भुला देने वाली पारी वैभव सूर्यवंशी ने खेला।कम उम्र में प्रतिभा चमकती है तो वैभव भी मिलता है।इस वैभव में संतुलित होकर सचिन तेंडुलकर बनना मन में होना चाहिए अन्यथा विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ उदाहरण है जो समय से पहले ही अस्त हो गए।आईपीएल में खेलने से दुनियां भर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के सामने खेलने का अवसर मिलता है लेकिन क्रिकेट की परीक्षा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टेस्ट, वनडे और टी ट्वेंटी में जब दो देश आमने सामने होते है तब होती है। वैभव के जीवन में इन अवसरों का आना बाकी है।अभी तो उनके सहित करोड़ो क्रिकेट प्रेमियों के लिए जश्न की बात है।चर्चे में अपनी कम उम्र को लेकर थे ही अब कम उम्र में शानदार प्रदर्शन का भी टैग लग गया है। बधाई वैभव
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