Close Menu

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र ने माटी से जोड़ा नाता |

    June 26, 2025

    सात शतकों वाले आठ टेस्ट मैच

    June 25, 2025

    जब एक टेस्ट में आठ शतक लगे!

    June 23, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    भारतीय PRESS
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Subscribe Tuesday, July 1
    • होम
    • समाचार
      • आर्थिक
      • अपराध
      • राजनीतिक
      • सामाजिक
    • लेखन
      • आलेख
      • चिंतन
      • कहानी
      • कविता
      • विश्लेषण
      • व्यंग
    • इल्मी-फिल्मी
      • इतिहास
      • कला
      • पुरस्कार
      • समीक्षा
      • धार्मिक संस्कृति
    • तंदुरुस्ती
      • खेल
      • खिलाड़ी
      • योग
    • तकनीकी
    • फोटो
    • वीडियो
    • हमारे बारे में
      • विचार
      • टीम
      • संपर्क
      • कंपनी प्रोफाइल
    • English
      • Art and Culture
      • Political
      • Religion
      • Social
    भारतीय PRESS
    Home»Featured»भारत में चल रही सांस्कृतिक पुर्नजागरण की लहर : लक्ष्मण आचार्य
    Featured

    भारत में चल रही सांस्कृतिक पुर्नजागरण की लहर : लक्ष्मण आचार्य

    bharatiya press bureauBy bharatiya press bureauOctober 20, 2024No Comments5 Mins Read1 Views
    Facebook Twitter Pinterest Telegram LinkedIn Tumblr Copy Link Email
    Follow Us
    Google News Flipboard
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email Copy Link

    नीरजा माधव की पुस्तक लोकार्पण में बोले असम के राज्यपाल

    भारत में चल रही सांस्कृतिक पुर्नजागरण की लहर : लक्ष्मण आचार्य

    प्रख्यात लेखिका डॉ. नीरजा माधव की सद्य: प्रकाशित पुस्तक ‘भारत का सांस्कृतिक स्वभाव’ का लोकार्पण करते हुए असम एवं मणिपुर के राज्यपाल श्री लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि जिस तरह से तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना स्वान्त: सुखाय की थी लेकिन कालांतर में रामचरितमानस पूरे देश ही नहीं विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग दिखाने वाला महाकाव्य बन गया। इसी तरह से नीरजा माधव ने भी अपनी संतुष्टि के लिए और भारतबोध की भावना के साथ इस पुस्तक की रचना की है, लेकिन मुझे विश्वास है कि यह पुस्तक पूरे राष्ट्र के लिए और समाज के लिए संतुष्टि प्रदान करने वाली बनेगा। वे यहां वाराणसी के कमिश्नरी सभागार में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे।
    कार्यक्रम में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रो.जीसी त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डा. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी, उप्र विधान परिषद के सदस्य डा.धर्मेंद्र राय, जम्मू दीप बौद्ध मंदिर के विहाराधिपति डा.सिरी सुमेध थेरो भी उपस्थित रहे।
    राज्यपाल श्री आचार्य ने आगे कहा कि हाल के वर्षों में भारत में एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण की लहर चल रही है। अपने अतीत से लोग फिर से परिचित होना चाह रहे हैं। नीरजा माधव की यह कृति भारत की सांस्कृतिक विरासत से लोगों का पुनः परिचय कराने का एक सशक्त आधार बनेगी। उन्होंने कहा कि भारत को जानने की जिज्ञासा रखने वालों के लिए यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण कड़ी है। जो लोग दूर दराज से भारत को समझना चाहते हैं , उसकी सांस्कृतिक विरासत से परिचित होना चाहते हैं, उनके लिए “भारत का सांस्कृतिक स्वभाव” पुस्तक एक आवश्यक पुस्तक है।

    अपने अध्यक्षीय संबोधन में बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर जी .सी. त्रिपाठी ने कहा कि जब किसी भूखंड पर जीव सृष्टि का निर्माण होता है तो उसे देश की संज्ञा मिलती है। जब वह जीव सृष्टि अपने साथ एक दर्शन, दृष्टि, विचार और मूल्यों के साथ कुछ सिद्धांतों और परंपराओं को अंगीकार करता है तब उसे राष्ट्र की संज्ञा मिलती है। नीरजा माधव ने अपने अथक प्रयास से भारत की संस्कृति और उसके स्वभाव को ,भारत ने अपनी जीवन पद्धति, रीति रिवाज, व्यवहार, परंपरा और त्योहार आदि के माध्यम से अनादि काल से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक कैसे कायम रखा, इस पर महान कार्य किया है। यह ग्रन्थ साहित्य और साहित्यकार के धर्म का प्रतिनिधित्व करता है।
    कार्यक्रम के मुख्यवक्ता भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य का मूल उद्देश्य ही लोकमंगल है। पिछले कुछ वर्षों में भारत अपनी जड़ों की तरफ वापसी कर रहा है। यह विचारों की घर वापसी का समय है ।सालों साल तक चले समाजतोड़क साहित्यिक अभियानों के बजाय अब समाज को जोड़ने वाले तथा भारत बोध कराने वाले साहित्य की आवश्यकता है। नीरजा माधव जी की यह किताब भारत को समझने की कुंजी है ।इससे भारत विकसित भारत बनेगा और अपने सपनों में रंग भरेगा।
    उप्र सरकार में आयुष मंत्री श्री दयाशंकर मिश्र “दयालु “ने अपने गंभीर और विचारपरक उद्बोधन में कहा कि नीरजा जी की यह पुस्तक काशी से कश्मीर तक की और कन्याकुमारी से काशी तक की यात्रा करवाती है । इस पुस्तक के अनुक्रम को देखने मात्र से पता चल जाता है कि कोई भी विषय छूटा नहीं है जो भारतीय संस्कृति को समझने के लिए आवश्यक है। यहां तक कि धारा 370 या कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की त्रासदी को भी नीरजा माधव ने बहुत ही संवेदना के साथ उकेरा है । विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेंद्र राय ने नीरजा माधव की इसी कृति को भारतीय साहित्य के लिए एक मील का पत्थर बताया।
    अपने लेखकीय उद्बोधन में साहित्यकार नीरजा माधव ने कहा कि भारतीय संस्कृति गंगा की तरह पवित्र और हिमालय की तरह बहुत विराट है लेकिन जैसे गंगा का जल हथेली में लेकर पान करते ही पूरी गंगा हमारे भीतर उतर जाती है इसी तरह से भारतीय संस्कृति की झलक इस पुस्तक से मिल जाएगी। भारतीय संस्कृति से संबंध जुड़ने का तात्पर्य ही है कि पूरी धरती के उमंग से संबंध जुड़ना और आकाश के मंगल गान से जुड़ जाना। यह पुस्तक राष्ट्र से उसी तरह जुड़ने का प्रयास है। डॉ . पद्मनाभ त्रिवेदी ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत की भावना ही वसुधैव कुटुंबकम की है और पूरे विश्व को उसने सर्वे भवंतु सुखिनः का संदेश दिया है।
    कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित प्राचार्य डॉ बेनी माधव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन जम्बू द्वीप बौद्ध मंदिर के अध्यक्ष डॉ के सिरी सुमेध थेरो ने आशीर्वचन के रूप में दिया। कार्यक्रम में इस पुस्तक के प्रकाशक श्री जितेंद्र पात्रो तथा शब्द संयोजक श्री अनुराग श्रीवास्तव को राज्यपाल महोदय के हाथों सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में आचार्य संतोष मिश्रा, प्रो अरविंद जोशी, महाबोधि सोसाइटी सारनाथ के सदस्य श्री संदीप सिंह , प्रो विंध्याचल पांडेय,आलोक सैनी,अनीता मोहन, बादल, शुभम, शिवम,आकाश, पंकज, मनोज श्रीवास्तव, माधवी तिवारी, नरेंद्र मिश्रा,प्रो अशोक सिंह,हिमांशु उपाध्याय, दीपेश चौधरी, नगीना यादव, महेंन्द्र प्रताप सिंह, एसपी सिंह, कुहू माधव, केतन आदि उपस्थित थे।

    Follow on Google News Follow on Flipboard
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Telegram Email Copy Link
    bharatiya press bureau
    • Website

    Related Posts

    छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र ने माटी से जोड़ा नाता |

    June 26, 2025

    सात शतकों वाले आठ टेस्ट मैच

    June 25, 2025

    जब एक टेस्ट में आठ शतक लगे!

    June 23, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    Demo
    Top Posts

    भारतीय पत्रकारिता महोत्सव

    June 24, 2024256 Views

    Power struggle or policy stagnation?

    August 14, 2024127 Views

    Dushasan

    June 16, 2024109 Views

    भारतीय PRESS

    June 1, 2024100 Views
    Don't Miss

    छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र ने माटी से जोड़ा नाता |

    June 26, 20252 Mins Read1 Views

    छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र ने माटी से जोड़ा नाता बड़े शौक से सुन रहा था…

    सात शतकों वाले आठ टेस्ट मैच

    June 25, 2025

    जब एक टेस्ट में आठ शतक लगे!

    June 23, 2025

    शाबाश जन प्रतिनिधि जी, शाबाश पायलटिंग पुलिस

    June 21, 2025
    Stay In Touch
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from SmartMag about art & design.

    Demo
    About Us
    About Us

    भारतीय प्रेस – विचारो की स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म है जो देश विदेश में रहने वालो के विचार लेखन के लिए अपनी जगह है। यहां न उम्र की सीमा है न जाति का बंधन है न ही लिंग भेद है, न धर्म का रोड़ा है।सबके हाथ में अगर कलम है तो उन्हें अभिव्यक्त होने का भी अधिकार है।

    Email Us: bharatiyapress@gmail.com
    Contact: +91 9109031157

    Facebook Instagram WhatsApp
    Our Picks

    छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र ने माटी से जोड़ा नाता |

    June 26, 2025

    सात शतकों वाले आठ टेस्ट मैच

    June 25, 2025

    जब एक टेस्ट में आठ शतक लगे!

    June 23, 2025
    Most Popular

    सोरेन का अनर्गल प्रलाप निंदनीय है

    June 30, 20240 Views

    पिता की अहमियत

    July 25, 20240 Views

    हरमनप्रीत होंगे खेल रत्न!

    August 15, 20240 Views
    • होम
    • समाचार
    • लेखन
    • इल्मी-फिल्मी
    • तंदुरुस्ती
    • तकनीकी
    • हमारे बारे में
    © 2025 Mitaan India Media Pvt. Ltd. | All Rights Reserved.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.