क्या बृज मोहन अग्रवाल सात या दस लाख मतोंसे जीतेंगे!
छत्तीसगढ़ राज्य के ग्यारह लोकसभा सीट के एग्जिट पोल के अनुमान सामने आ चुके है। सभी एग्जिट पोल एजेंसी ने भाजपा को न्यूनतम नौ से अधिकतम ग्यारह सीट दी है। कांग्रेस को न्यूनतम एक और अधिकतम दो सीट मिलने का अनुमान है। इस पूर्वानुमान को थोड़े समय के लिए मान भी लें तो इससे ये बात तो तय हो गई है कि भाजपा जिन लोकसभा सीट पर विजय प्राप्त करते दिख रही है उसमे पहले क्रम में राजधानी रायपुर की सीट है। वर्तमान केबिनेट मंत्री और आठ बार के भाजपा विधायक बृज मोहन अग्रवाल के नाम फाइनल होते ही ये जीत तय हो चुकी थी। केवल नामांकनसे लेकर मतगणना की प्रक्रिया को पूरा होना बाकी है।
भाजपा ने इस बार एक मनोवैज्ञानिक दांव खेला था।नए प्रकार का नारा था अबकी बार 400पार। इस नारे का भाजपा की तरफ से अर्थ तो यही लगाया गया कि 272 सीट तो मिले मिलाए है ।128की जरूरत और है। 400पार के नारे को लक्ष्य मानकर भाजपा ने बहुतेरे सीट पर यह भी प्रचारित किया कि जीत तो हो चुकी है अब प्रश्न है निकटतम प्रतिद्वंद्वी से बढ़त कितने की लेना है? इस प्रकार की सीट में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का भी नाम था।
रायपुर, भाजपा की परंपरागत सीट है। 1991के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अंतिम विजेता विद्याचरण शुक्ल थे। 1996से भाजपा के रमेश बेस ने अंगद के पांव रखे इसके बाद पांव तो वही रहा,बस केवल नाम बदला। रमेश बेस के बाद सुनील सोनी विजयी हुए।
2014से केंद्र में मोदी के आगमन के साथ ही रायपुर लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी 1.71लाख और 2019 लोकसभा चुनाव में 3.48 लाख याने दुगने मतों से जीते ।अगर दुगने होने का ट्रेंड जारी रहा तो मेरे अनुसार 2024 लोकसभा चुनाव में बृज मोहन अग्रवाल 7.00लाख वोट से जीतने जा रहे है।
बृजमोहन अग्रवाल का मानना है कि वे लगभग दस लाख मतों से जीतने जा रहे है। मेरे और उनके अनुमान में तीन लाख मतों का अंतर है।
अधिकांश मतदाता मानकर चल रहे थे कि रायपुर में भाजपा प्रत्याशी की जीत तय है इस कारण कौन मत खराब करे ये भावना मतदान की तारीख आते तक घर कर चुकी थी। दूसरी तरफ भाजपा के कार्यकर्ता दुगने उत्साह से लीड को बढ़ाने के लिए दम लगाए हुए थे। इसका असर ये हुआ कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा और वे प्रचार से दूर होते गए। अनेक मतदान केंद्रों में कांग्रेस की तरफ से मतदाता पर्ची देने के लिए मतदान केंद्र के सामने कोई व्यक्ति नहीं था।
बात 2019लोकसभा चुनाव की की तो भाजपा को 8.37लाख और कांग्रेस 4.89लाख मत मिले थे। बसपाऔर निर्दलीय और नोटा मिलाकर 56हजार मत मिले थे।इस स्थिति में भाजपा 3.48लाख मतों से विजयी
रही थी।
वर्तमान में रायपुर लोकसभा सीट में 23लाख64हजार मतदाता है। इनमे 11.81लाख पुरुष और 11.82लाख महिला मतदाता है। इनमे से 66.82प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया है। निर्वाचन आयोग के अनुसार रायपुर लोकसभा सीट के लिए 67.65फीसदी पुरुषो और 66फीसदी महिला मतदाताओं ने मतदान किया है। इसका अर्थ ये है कि सात लाख पंच्यांवे हजार पुरुषो और सात लाख अस्सी हजार महिलाओ ने मतदान किया है। ऐसा माना जा रहा है कि महिलाओ ने एक तरफा भाजपा के पक्ष में मतदान किया है।
एग्जिट पोल के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में 61फीसदी भाजपा और 33फीसदी मत कांग्रेस को मिलने की संभावना बताई गई है। ये राज्य का औसत है।रायपुर लोकसभा में कितने प्रतिशत पुरुष और महिला ने किसके पक्ष में मतदान किया है ये तो 4जून को पता चलेगा। संभावना ये है कि रायपुर में सत्तर फीसदी मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया है इस आधार पर भाजपा को ग्यारह लाख मत मिलने की संभावना है और कांग्रेस को चार लाख मत मिलने की संभावना है नोटा सहित अन्य पैंतीस प्रत्याशी भी है ऐसे में बृज मोहन अग्रवाल सात लाख मत से जीतेंगे ऐसी संभावना है।
अब बृज मोहन अग्रवाल के दस लाख मत से जीतने के दावे को देखे।इस आधार पर बृज मोहन अग्रवाल को 15.80 मतदाताओं द्वारा दिए गए मत में से अगर ये मान लिया जाए कि पचास हजार मत बसपा, निर्दलीय और नोटा को मिलते है तब कांग्रेस को केवल दो लाख तीस हजार और भाजपा को बारह लाख तीस हजार मत मिलने की स्थिति में दस लाख के अंतर से जीत मिलने की कठिन संभावना होगी। देखते है किसका अनुमान परिणाम के पास पहुंचता है।सच तो ये है कि छत्तीसगढ़ में बृज मोहन अग्रवाल सबसे अधिक मतों के अंतर से जीतेंगे। वैसे भी राज्य के विधान सभा चुनाव में सर्वाधिक सड़सठ हजार मतों से जीतने का रिकार्ड उनके पास है ही।